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1 इतिहास
इतिहास की पहली पुस्तक
1 इतिहास
1 इति
इतिहास की पहली पुस्तक
आदम से अब्राहाम तक की वंशावली
नोआ के पुत्र
आदम, शेत, एनोश,
केनान, माहालालेल, यारेद,
हनोख, मेथुसेलाह, लामेख,
नोआ.
नोआ के पुत्र: शेम, हाम और याफेत.
याफेत का वंश
याफेत के पुत्र:
गोमर, मागोग, मेदिया, यावन, तूबल, मेशेख तथा तिरास थे.
गोमर के पुत्र:
अश्केनाज, रिफात1:6 कुछ हस्तलेखों में दिफात तथा तोगरमाह थे.
यावन के पुत्र:
एलिशाह, तरशीश, कित्तिम तथा दोदानिम थे.
हाम का वंश
हाम के पुत्र:
कूश, मिस्र, पूट तथा कनान हुए.
कूश के पुत्र:
सेबा, हाविलाह, सबताह, रामाह और सबतेका.
रामाह के पुत्र:
शीबा और देदान.
कूश उस निमरोद का पिता था
जो पृथ्वी पर पहले वीर व्यक्ति के रूप में मशहूर हुआ.
मिस्र के पुत्र:
लूदिम, अनामिम, लेहाबिम, नाफतुहि, पथरूस, कस्लूह और काफ़तोर (जिनसे फिलिस्तीनी राष्ट्र निकले).
कनान का पहला पुत्र
सीदोन फिर हित्ती, यबूसी, अमोरी, गिर्गाशी, हिव्वी, आरकी, सीनी, अरवादी, ज़ेमारी और हामाथी.
शेम का वंश
शेम के पुत्र:
एलाम, अशहूर, अरफाक्साद, लूद तथा अराम थे.
अराम के पुत्र:
उज़, हूल, गेथर तथा मेशेख थे.
अरफाक्साद शेलाह का पिता था,
शेलाह एबर का.
एबर के दो पुत्र हुए:
एक का नाम पेलेग1:19 पेलेग अर्थात् बंटवारा, क्योंकि उनके समय में पृथ्वी का बंटवारा हुआ. उनके भाई का नाम योकतान था.
योकतान के पुत्र:
अलमोदाद, शेलेफ, हासारमेबेथ, जेराह, हादरोम, उजाल, दिखलाह, ओबाल, अबीमाएल, शीबा, ओफीर, हाविलाह और योबाब. ये सभी योकतान के पुत्र थे.
शेम, अरफाक्साद, शेलाह,
एबर, पेलेग, रेउ,
सेरुग, नाहोर, तेराह,
अब्राम (अर्थात् अब्राहाम).
अब्राहाम-वंशज
अब्राहाम के पुत्र थे: यित्सहाक और इशमाएल.
हागार द्वारा अब्राहाम के वंशज
उनकी वंशावली इस प्रकार है:
इशमाएल का पहलौठा था: नेबाइयोथ और दूसरे पुत्र थे, केदार, अदबील, मिबसाम, मिशमा, दूमाह, मास्सा, हदद, तेमा, येतुर, नाफिश और केदेमाह.
ये इशमाएल के पुत्र थे.
केतुराह द्वारा अब्राहाम के वंशज
केतुराह जो अब्राहाम की रखैल थी, उसके पुत्र थे: ज़िमरान,
योकशान, मेदान, मिदियान, इशबक और शुआह.
योकशान के पुत्र थे,
शीबा और देदान.
मिदियान के पुत्र:
एफाह, एफ़र, हनोख, अविदा तथा एलदाह थे.
ये सब केतुराह से पैदा हुए थे.
सारा द्वारा अब्राहाम के वंशज
अब्राहाम यित्सहाक के पिता थे.
यित्सहाक के पुत्र थे:
एसाव और इस्राएल.
एसाव के पुत्र
एसाव के पुत्र थे:
एलिफाज़, रियुएल, योउश, यालम और कोराह.
एलिफाज़ के पुत्र थे:
तेमान, ओमर, ज़ेफो, गाताम, केनाज़;
तिम्ना और अमालेक.
रियुएल के पुत्र थे:
नाहाथ, ज़ेराह, शम्माह और मिज्जाह.
एदोम में सेईर के लोग
सेईर के पुत्र थे:
लोतन, शोबल, ज़िबेओन, अनाह, दिशोन, एज़र और दिशान.
लोतन के पुत्र:
होरी और होमाम. लोतन की बहन का नाम तिम्ना था.
शोबल के पुत्र थे:
अलवान, मानाहाथ, एबल, शेफो और ओनम.
ज़िबेओन के पुत्र:
अइयाह और अनाह.
अनाह का पुत्र था
दिशोन.
दिशोन के पुत्र:
हेमदान, एशबान, इथरान और चेरन.
एज़र के पुत्र:
बिलहान, त्सावन और आकन.
दिशान के पुत्र:
उज़ और अरान.
एदोम देश के नायक
इसके पहले कि इस्राएल पर किसी राजा का शासन होता, एदोम देश पर राज्य करनेवाले राजा ये थे:
बेओर का पुत्र बेला, उसके द्वारा शासित नगर का नाम था दिनहाबाह.
बेला के मरने के बाद, उसके स्थान पर बोज़राहवासी ज़ेराह का पुत्र योबाब राजा बना.
योबाब के मरने के बाद, उसके स्थान पर तेमानियों के देश का व्यक्ति हुशम राजा बना.
हुशम के मरने के बाद, उसके स्थान पर बेदद का पुत्र हदद राजा बना. उसने मोआब देश में मिदियानी सेना को हरा दिया. उसके द्वारा शासित नगर का नाम था आविथ.
हदद के मरने के बाद, उसके स्थान पर मसरेकाह का सामलाह राजा बना.
सामलाह के मरने के बाद, फरात नदी पर बसे रेहोबोथ का निवासी शाऊल उनके स्थान पर राजा बना.
शाऊल के मरने के बाद, उसके स्थान पर अखबोर का पुत्र बाल-हनन राजा बना.
बाल-हनन मरने के बाद, उसके स्थान पर हदद राजा बना. उस नगर का नाम पाऊ था तथा उसकी पत्नी का नाम मेहेताबेल था. वह मातरेद की पुत्री थी और मातरेद मेत्साहब की पुत्री थी. तब हदद की भी मृत्यु हो गई.
एदोम देश के नायकों के नाम ये है:
नायक तिम्ना, अलवाह, यथेथ, ओहोलिबामाह, एलाह, पिनोन, केनाज़, तेमान, मिबज़ार, मगदिएल, इराम.
ये सभी एदोम देश के प्रधान हुए.
इस्राएल के पुत्र
इस्राएल के पुत्रों के नाम ये है: रियूबेन, शिमओन, लेवी, यहूदाह, इस्साखार, ज़ेबुलून, दान, योसेफ़, बिन्यामिन, नफताली, गाद और आशेर.
यहूदाह गोत्र
हेज़रोन के पुत्र तक
यहूदाह के पुत्र:
एर, ओनान और शेलाह. ये तीनों कनानी शुआ की पुत्री से पैदा हुए थे.
(एर, यहूदाह का पहलौठा याहवेह की दृष्टि में दुष्ट था; इसलिये याहवेह ने उसके प्राण ले लिए.)
यहूदाह की पुत्र-वधू तामार से उन्हें पेरेज़ और ज़ेराह पैदा हुए.
यहूदाह गोत्र पांच पुत्र थे.
पेरेज़ के पुत्र:
हेज़रोन और हामुल.
ज़ेराह के पुत्र:
ज़िमरी, एथन, हेमान, कालकोल और दारा2:6 दारा कुछ मूल प्रतियों में दारदा, कुल पांच पुत्र.
कारमी के पुत्र:
आखान, अर्थात् इस्राएल की विपदा, जिसने भेंट किए हुए सामान को लेकर आज्ञा तोड़ी थी;
एथन का पुत्र:
अज़रियाह.
हेज़रोन के पुत्र, जो उसे पैदा हुए:
येराहमील, राम और क़ेलब.
हेज़रोन के पुत्र राम से लेकर
राम पिता था अम्मीनादाब का
और अम्मीनादाब नाहशोन का, जो यहूदाह के पुत्रों का नायक हुआ;
नाहशोन पिता था सालमा का,
सालमा बोअज़ का,
बोअज़ ओबेद का,
ओबेद, यिशै का.
येस्सी का पहलौठा था
एलियाब, दूसरा अबीनादाब,
तीसरा शिमिया, चौथा नेथानेल,
पांचवा रद्दाई, छठवां ओज़ेम
और सातवां दावीद.
उनकी बहनें थी, ज़ेरुइयाह और अबीगइल.
ज़ेरुइयाह के तीन पुत्र थे अबीशाई, योआब और आसाहेल.
अबीगइल ने अमासा को जन्म दिया. जिसका पिता था इशमाएली मूल का येथेर.
हेज़रोन के पुत्र कालेब
हेज़रोन के पुत्र कालेब को उसकी पत्नी अत्सूबा और येरिओथ से ये पुत्र पैदा हुए:
येशर, शोबाब और अर्दोन.
जब अत्सूबा की मृत्यु हुई, कालेब ने एफ़राथा से विवाह कर लिया, जिसने हूर को जन्म दिया.
हूर उरी का पिता हुआ और उरी बसलेल का.
इसके बाद में हेज़रोन ने माखीर की पुत्री से संबंध बनाया, माखीर गिलआद का पिता था. उसने साठ वर्ष की उम्र में उससे विवाह किया और उससे सेगूब का जन्म हुआ.
सेगूब याईर का पिता हुआ, जो गिलआद में तेईस नगरों का स्वामी था.
(किंतु गेशूर और अराम ने हव्वोथ-याईर, केनाथ और इन क्षेत्रों के साठ गांव इनसे छीन लिए.)
ये सभी गिलआद के पिता माखीर के वंश के थे.
कालेब-एफ़राथा में हेज़रोन की मृत्यु के बाद हेस्रोन की पत्नी अबीयाह ने अशहूर को जन्म दिया, जो तकोआ का पिता था.
हेज़रोन के पुत्र येराहमील
हेज़रोन के पहलौठे येराहमील के पुत्र थे:
पहलौठा राम, इसके बाद बूना, औरेन, ओज़ेम और अहीयाह. येराहमील की एक अन्य पत्नी भी थी, जिसका नाम था अटाराह; जो ओनम की माता थी.
येराहमील के पहलौठे राम के पुत्र:
माअज़, यामिन और एकर.
ओनम के पुत्र:
शम्माई और यादा.
शम्माई के पुत्र:
नादाब और अबीशूर. अबीशूर की पत्नी का नाम था अबीहाइल, जिससे आहबान और मोलिद का जन्म हुआ.
नादाब के पुत्र:
सेलेद और अप्पाईम. सेलेद निःसंतान ही मर गया.
अप्पाईम का पुत्र:
इशी था, इशी का शेशान, शेशान का अहलाई.
शम्माई के भाई यादा के पुत्र:
येथेर और योनातन थे. येथेर निःसंतान ही चल बसा.
योनातन के पुत्र थे:
पेलेथ और ज़ाज़ा.
ये थे येराहमील के वंशज.
शेशान के कोई पुत्र न हुआ, उसके सिर्फ पुत्रियां ही पैदा हुईं.
शेशान का यारहा नामक एक मिस्री दास था. शेशान ने अपनी पुत्री का विवाह अपने इसी दास से कर दिया. जिससे अत्तई का जन्म हुआ.
अत्तई नाथान का पिता था,
नाथान ज़ाबाद का,
ज़ाबाद एफलाल का,
एफलाल ओबेद का पिता था.
ओबेद येहू का,
और येहू अज़रियाह का.
अज़रियाह हेलेस का,
और हेलेस एलासाह का.
एलासाह सिसमाई का,
और सिसमाई शल्लूम का.
शल्लूम येकामियाह का,
और येकामियाह एलीशामा का.
कालेब के वंश
येराहमील के भाई कालेब के पुत्र:
उसका पहलौठा मेषा, जो ज़ीफ़ का पिता था,
और दूसरा मारेशाह हेब्रोन का.
हेब्रोन के पुत्र:
कोराह, तप्पूआह, रेकेम और शेमा.
रेहाम का पिता था शेमा,
जो योरकिअम का पिता था,
और रेकेम शम्माई का पिता था.
शम्माई का पुत्र था माओन;
माओन बेथ-त्सूर का पिता था.
कालेब की उप-पत्नी एफाह ने,
हारान, मोत्सा और गज्ज़ा को जन्म दिया,
और हारान गज्ज़ा का पिता हुआ.
याहदाई के पुत्र:
रेगेम, योथाम, गेशन, पेलेत, एफाह और शाफ़.
कालेब की उप-पत्नी माकाह ने,
शेबर और तिरहाना को जन्म दिया.
उसने शाफ़ को भी जन्म दिया, जो मदमन्नाह का पिता था
और शेवा को भी, जो मकबेनाह और गिबिया का पिता था.
कालेब की पुत्री का नाम अक्सा था.
ये सभी कालेब के वंश के थे.
एफ़राथाह के पहलौठे हूर के पुत्र:
किरयथ-यआरीम का पिता शोबल, बेथलेहेम का पिता सालमा और बेथ-गादर का पिता हारेफ़
किरयथ-यआरीम के पिता शोबल के अन्य पुत्र भी थे हारोएह:
मेनुहोथ नगरवासियों का आधा भाग, और किरयथ-यआरीम नगर के परिवार: इथरी, पुथी, शुमार्था और मिशराई. इन्हीं से सोराही और एशताओली वंश के लोग पैदा हुए.
सालमा के पुत्र:
बेथलेहेम, नेतोफ़ाथी, अतारोथ-बेथ-योआब और आधे सोरि मानाहाथी, याबेज़ नगरवासी शास्त्रियों के वंशज: तीराही, शिमियाथी और सुकाथी. ये केनी जाति के वे लोग हैं, जो हम्माथ से आए थे, जो रेखाब वंश का मूल था.
दावीद-वंशज
निम्न लिखित दावीद के वे पुत्र हैं, जिनका जन्म हेब्रोन में हुआ था:
पहलौठा अम्मोन, जो येज़्रीलवासी अहीनोअम से पैदा हुआ था;
दूसरा दानिएल, जिसका जन्म कर्मेल अबीगइल से;
तीसरा अबशालोम, जिसका जन्म माकाह से हुआ, जो गेशूर के राजा तालमाई की पुत्री थी;
चौथा पुत्र था अदोनियाह, जिसकी माता थी हेग्गीथ;
पांचवा पुत्र था शेपाथियाह जिसकी माता थी अबीताल;
छठा इथ्रियाम, जिसका जन्म दावीद की पत्नी एग्लाह से हुआ.
हेब्रोन में दावीद के, जहां उन्होंने साढ़े सात साल शासन किया था, छः पुत्र पैदा हुए.
येरूशलेम में उन्होंने तैंतीस साल शासन किया. येरूशलेम में अम्मिएल की पुत्री बाथशुआ से उनकी ये चार संतान पैदा हुईं:
शिमिया, शोबाब, नाथान और शलोमोन.
इसके बाद इबहार, एलीशामा, एलिफेलेत, नोगाह, नेफ़ेग, याफिया, एलीशामा, एलियादा और एलिफेलेत-कुल नौ पुत्र.
ये सभी दावीद के पुत्र थे उन पुत्रों के अलावा, जो उनकी उपपत्नियों से पैदा हुए थे. इनकी तामार नाम की एक बहन थी.
यहूदिया के राजा
शलोमोन का पुत्र रिहोबोयाम,
उसका पुत्र अबीयाह,
उसका पुत्र आसा और
उसका पुत्र यहोशाफ़ात था,
उसका पुत्र यहोराम,
उसका पुत्र अहज़्याह,
उसका पुत्र योआश,
उसका पुत्र अमाज़्याह,
उसका पुत्र अज़रियाह,
उसका पुत्र योथाम,
उसका पुत्र आहाज़,
उसका पुत्र हिज़किय्याह,
उसका पुत्र मनश्शेह,
उसका पुत्र अमोन,
उसका पुत्र योशियाह,
योशियाह के पुत्र:
पहिलौंठा योहानन,
दूसरा यहोइयाकिम,
तीसरा सीदकियाहू,
व चौथा शल्लूम,
यहोइयाकिम के पुत्र थे यकोनियाह: (या यहोइयाखिन)
उसका पुत्र सीदकियाहू.
यहोइयाखिन के वंशज
बंदी यकोनियाह के पुत्र:
शिअलतिएल और मालखीरम, पेदाइयाह, शेनात्सार, येकामियाह, होशामा और नेदाबियाह.
पेदाइयाह के पुत्र:
ज़ेरुब्बाबेल और शिमेई.
ज़ेरुब्बाबेल के पुत्र:
मेशुल्लाम और हननियाह. उनकी बहन का नाम शेलोमीथ था. इनके अलावा हशूबाह, ओहेल, बेरेखियाह, हसादिया और यूशबहेसेद, जो पांच पुत्र थे.
हननियाह के पुत्र:
पेलातियाह और येशाइयाह, उसका पुत्र रेफ़ाइयाह, उसका पुत्र आरनन, उसका पुत्र ओबदिया, उसका पुत्र शेकानियाह.
शेकानियाह का पुत्र शेमायाह:
शेमायाह के पुत्र थे: हत्तुष, यिगाल, बारियाह, नेअरियाह और शाफात, कुल छः भाई.
नेअरियाह के पुत्र:
एलिओएनाइ, हिज़किय्याह और अज़रीकाम—ये तीन थे.
एलिओएनाइ के पुत्र:
होदवियाह, एलियाशिब, पेलाइयाह अक्कूब, योहानन, देलाइयाह और अनानी, जो सात भाई थे.
यहूदाह गोत्रज
यहूदाह के पुत्र:
पेरेज़, हेज़रोन, कारमी, हूर और शोबल.
शोबल का पुत्र रेआइयाह याहाथ का पिता था, याहाथ अहूमाई और लाहाद का. ये सोराहियों के मूल पुरुष थे.
एथाम के पुत्र ये थे:
येज़्रील, इशमा और इदबाश. इनकी बहन का नाम था हासलेलपोनी. पेनुएल गेदोर का पिता हुआ और एज़र हुशाह का.
बेथलेहेम के पिता, एफ़राथा के पहलौठे हूर के पुत्र ये थे
अशहूर, तकोआ के पिता की दो पत्नियां थी, हेलाह और नाराह.
नाराह ने उसके लिए अहुज्ज़ाम, हेफेर, तेमेनी और हाअहाष्तारी को जन्म दिया. ये सभी नाराह के पुत्र थे.
हेलाह के पुत्र:
ज़ेरेथ, ज़ोहार, एथनन. और कोज़ पिता था अनूब तथा ज़ोबेबाह का और अहरहेल के वंश का पिता था हारूम.
याबेज़ अपने भाइयों की अपेक्षा कहीं अधिक प्रतिष्ठित था. उसकी माता ने उसे याबेज़4:9 याबेज़ अर्थ दर्द नाम यह कहकर दिया था, “क्योंकि मैंने उसे दर्द के साथ जन्म दिया है.” याबेज़ ने इस्राएल के परमेश्वर की यह दोहाई दी, “आप मुझे आशीष दें और मेरी सीमाओं को बढ़ाएं! इसके अलावा आप मेरे साथ रहते हुए सारी बुराइयों को मुझसे दूर रखें, कि मैं उससे बचा रह सकूं.” परमेश्वर ने उसकी विनती सुन ली.
शुहाह का भाई केलुब मेहिर का पिता था, जो एश्तोन का पिता था. एश्तोन पिता था बेथ-राफ़ा और पासेह का. तेहिन्नाह ईर-नाहाष का पिता था. ये रेकाहवासी थे.
केनज़ के पुत्र थे:
ओथनीएल और सेराइयाह.
ओथनीएल के पुत्र थे:
हाथअथ और मेयोनोथाई. मेयोनोथाई पिता हुआ ओफ़राह का,
और सेराइयाह पिता हुआ योआब का,
जो गेहाराशीम4:14 गेहाराशीम अर्थ कारीगरों की घाटी का पिता था. ये गेहाराशीम इसलिये कहलाए कि कारीगर थे.
येफुन्नेह के पुत्र कालेब के पुत्र:
इरु, एलाह, और नाअम.
एलाह का पुत्र था:
केनज़.
येहालेलेल के पुत्र:
ज़ीफ़, ज़िफाह, तिरिया और आसारेल.
एज़्रा के पुत्र:
येथेर, मेरेद, एफ़र और यालोन.
मेरेद की एक पत्नी, बिथिया, ने गर्भधारण किया और उसने मिरियम, शम्माई और इशबाह को जन्म दिया, जो एशतमोह का पिता था. फरओ की पुत्री बिथिया से जन्मे मेरेद की संतान ये थे.
उसकी यहूदियावासी पत्नी ने यारेद को जन्म दिया, जो गेदोर का पिता था,
हेबेर को भी, जो सोकोह का पिता था, और येकुथिएल को, जो ज़ानोहा को पिता था.
नाहाम की बहन, होदियाह की पत्नी के पुत्र:
गारमी के काइलाह और माकाहथि एशतमोह के वंशमूल थे.
शिमओन के पुत्र:
अम्मोन, रिन्नाह, बेन-हानन और तीलोन.
इशी के पुत्र:
ज़ोहेथ और बेन-ज़ोहेथ.
यहूदाह के पुत्र:
शेलाह के पुत्र एर, जो लेकाह का पिता था, लादाह, जो मारेशाह का पिता था, जो बेथ-अशबेआ नगर वंशमूल था जहां सन के कपड़े का काम होता था.
इनके अलावा योकिम और कोज़ेबा नगरवासी और योआश व सारफ़, जो मोआब पर शासन करते रहे, फिर याशुबीलेहेम को लौट गए. (यहां ये वर्णन पुराने हैं.) ये सभी कुम्हार थे, जो नेताईम और गेदेराह में बस गए थे; वहां रहते हुए, वे राजा की सेवा में लगे रहे.
सिमियन-वंशज
शिमओन के पुत्र:
नमूएल, यामिन, यारिब, ज़ेराह, शाऊल,
उसका पुत्र शल्लूम, उसका पुत्र मिबसाम, उसका पुत्र मिशमा.
मिशमा के पुत्र:
हम्मूएल, उसका पुत्र ज़क्कूर, उसका पुत्र शिमेई.
शिमेई के सोलह पुत्र थे और छः पुत्रियां, मगर उसके भाइयों के अधिक संतान न हुई, न ही उसका वंश बढ़ा, जैसी यहूदाह निवासियों की हुई थी. वे बेअरशेबा, मोलादाह, हाज़र-शूआल, बिल्हा, एज़ेम, तोलाद, बेथुएल, होरमाह, ज़िकलाग, बेथ-मरकाबोथ, हाज़र-सुसिम, बेथ-बिरी और शअरयिम नगरों में निवास करते थे. जब तक दावीद का शासन रहा, ये इन्हीं के नगर रहे. उनके आस-पास के गांवों के नाम थे, एथाम, एइन, रिम्मोन, तोकेन और आशान, पांच गांव. ये गांव उन नगरों के आस-पास ही थे. इनका विस्तार बाल नामक नगर तक था. ये इन्हीं के द्वारा बसाए गए नगर थे.
ये अपनी वंशावली का लेखा भी रखते थे:
मेशोबाब, यामलेख,
योशाह, जो अमाज़्याह का पुत्र था. योएल;
येहू, जो योशिबियाह का पुत्र था, जो सेराइयाह का पुत्र था, जो आसिएल का पुत्र था;
एलिओएनाइ, याकोबाह, ये येहोशाइयाह;
असाइयाह; आदिएल; येसिमिएल; बेनाइयाह;
ज़िज़ा, शीफी का पुत्र, जो अल्लोन का पुत्र था, जो येदाइयाह का पुत्र था, जो शिमरी का पुत्र था, जो शेमायाह का पुत्र था.
ये सभी अपने-अपने गोत्रों के प्रधान थे.
इनके पिता का वंश बहुत ही बढ़ता चला गया, उन्होंने घाटी की पूर्वी दिशा की ओर, गेदोर के फाटक की ओर बढ़ना शुरू किया, कि उन्हें अपने भेड़-बकरियों के लिए चरागाह मिल जाए. यहां उन्हें उत्तम और उपजाऊ चरागाह मिल गया, भूभाग भी बहुत ही फैला हुआ था. यहां शांति थी, चैन था क्योंकि इसके पहले यहां के निवासी हाम के वंश थे.
ये, जिनके नाम यहां लिखे हैं, यहूदिया के राजा हिज़किय्याह के शासनकाल में आए, उन्होंने वहां के मिऊनियों को और उनके शिविरों को नष्ट कर दिया. वे उनके स्थान पर वहां रहने लगे, क्योंकि यहां उनके पशुओं के लिए चरागाह था. शिमओन के पुत्रों में से पांच सौ पुरुष वहां से सेईर पर्वत को गए. इशी के पुत्र, पेलातियाह, नेअरियाह, रेफ़ाइयाह और उज्ज़िएल उनके प्रधान थे. उन्होंने अमालेकियों के भाग को, जो जीवित बचकर यहां आए हुए थे, नष्ट कर दिया, जो अब तक वहां रहते आ रहे थे.
रऊबेन के वंशज
अब इस्राएल के पहलौठे रियूबेन वंशज, (किंतु इसलिये कि उसने अपने पिता के बिस्तर को अशुद्ध किया था, उसके पहलौठे का जन्मसिद्ध अधिकार इस्राएल के पुत्र योसेफ़ के पुत्रों को दे दिया गया; फलस्वरूप वंशावली में उसका लेख पहलौठे के रूप में नहीं किया जा सका, यद्यपि यहूदाह अपने भाइयों में मजबूत ज़रूर हुआ और उसके वंश से एक प्रधान का आगमन भी हुआ, फिर भी पहलौठे का जन्मसिद्ध अधिकार योसेफ़ को ही मिला.) इस्राएल के पहलौठे रियूबेन के पुत्र:
हनोख, पल्लू, हेज़रोन और कारमी.
योएल के पुत्र:
उसका पुत्र शेमायाह, उसका पुत्र गोग,
उसका पुत्र शिमेई, उसका पुत्र मीकाह,
उसका पुत्र रेआइयाह, उसका पुत्र बाल,
उसका पुत्र बीएराह, जिसे अश्शूर के राजा तिगलथ-पलेसेर बंदी बनाकर ले गया. बीएराह रियूबेन वंशजों का प्रधान था.
वंशावली के अनुसार वंश के आधार पर उसके भाई:
उनका नायक येइएल और ज़करयाह. अत्सात्स का पुत्र बेला, उसका पुत्र शेमा, उसका पुत्र योएल.
जिसका घर अरोअर नगर में नेबो और बाल-मेओन तक था. उसका घर पूर्व में फरात नदी के इसी ओर मरुस्थल की सीमा तक भी था, क्योंकि गिलआद में उनके पशुओं की संख्या बढ़ती गई.
शाऊल के शासनकाल में रियूबेन वंशजों ने हग्रियों के विरुद्ध युद्ध छेड़ दिया, वे उनके अधीन हो गए. इसके बाद वे हग्रियों के शिविरों में ही रहते रहे और गिलआद के पहले के सारे क्षेत्र में बस गए.
गाद-वंशज
गाद-वंशज उन्हीं के सामने बाशान क्षेत्र में रहते थे, वे सलेकाह तक फैले हुए थे:
योएल प्रधान था, दूसरा था शाफ़ाम, उसके बाद बाशान में यानाई और शाफात.
उनके गोत्रों के आधार पर उनके संबंधी थे:
मिखाएल, मेशुल्लाम, शीबा, योराई, याकान, ज़िया और एबर, सात व्यक्ति.
हूरी के पुत्र अबीहाइल वंशज: हूरी यारोह का, जो गिलआद का, जो मिखाएल का, जो येशिशाई का, जो याहदो का, जो बुज़ का पुत्र था.
अही अबदियेल का, वह गूनी का, जो उनके गोत्र का प्रधान था.
ये सभी बाशान के नगर गिलआद और इसके अन्य नगरों में और शारोन के सारे चरागाह में दूर-दूर तक रहते थे.
इन सभी की वंशावली का लेखा यहूदिया के राजा योथाम और इस्राएल के राजा यरोबोअम के शासनकाल में रखा गया था.
रियूबेन वंशजों में, गाद-वंशजों में और मनश्शेह के आधे गोत्र में वीर योद्धा थे. ये ढाल और तलवार लेकर चलते थे और वे धनुष भी चलाते थे. वे युद्ध कला में कुशल थे. युद्ध के लिए तैयार इनकी संख्या 44,760 थी. उन्होंने हग्रि, येतुर, नाफिश और नोदाबी जातियों पर हमला किया. उन्हें उनके विरुद्ध सहायता मिली और हग्रि और उनके साथी इनके अधीन कर दिए गए, क्योंकि युद्ध करते हुए उन्होंने परमेश्वर की दोहाई दी और परमेश्वर ने उनकी विनती सुनकर उनका यह ज़रूरी आग्रह सुन लिया, क्योंकि उन्होंने परमेश्वर में विश्वास किया था. इन्होंने उनके पशुओं को अपने अधिकार में कर लिया: 50,000 ऊंट, 2,50,000 भेड़ें, 2,000 गधे और 1,00,000 पुरुष जीवित बंदी बनाए गए. अनेक घात किए गए क्योंकि युद्ध परमेश्वर का था. वे लोग बंदी बनाए जाने तक इस क्षेत्र में रहते रहे.
मनश्शेह का अर्धकुल
मनश्शेह के अर्धकुल के सदस्य इस देश में रहते रहे, जो अनगिनत थे और बाशान से लेकर बाल-हरमोन तक और सेनीर (और हरमोन पर्वत) तक बसे हुए थे.
उनके गोत्रपिताओं के वंशजों के नायकों के नाम निम्न लिखित है एफ़र, इशी, एलिएल, अज़रिएल, येरेमियाह, होदवियाह और याहदिएल, ये वीर योद्धा, मशहूर व्यक्ति और अपने पिता के गोत्रों के प्रधान थे. किंतु उन्होंने अपने पूर्वजों के परमेश्वर से विश्वासघात किया और देश के पराए देवताओं को अपना लिया, जिन्हें परमेश्वर ने उनके सामने से खत्म किया था. तब इस्राएल के परमेश्वर ने अश्शूर के राजा पूल, (अर्थात् अश्शूर के राजा तिगलथ-पलेसेर) का हृदय उभारा और वह उन्हें बंधुआई में ले गया अर्थात् रियूबेन-वंशजों, गाद-वंशजों और मनश्शेह-वंशजों के आधे गोत्र को. इन्हें वह हालाह, हाबोर, हारा और गोज़ान नदी के पास ले आया.
लेवी वंशज
लेवी के पुत्र:
गेरशोन, कोहाथ और मेरारी.
कोहाथ के पुत्र:
अमराम, इज़हार, हेब्रोन और उज्ज़िएल.
अमराम की संतान:
अहरोन, मोशेह और मिरियम.
अहरोन के पुत्र:
नादाब, अबीहू, एलिएज़र और इथामार.
एलिएज़र पिता था फिनिहास का,
फिनिहास अबीशुआ का,
अबीशुआ बुक्की का,
बुक्की उज्जी का,
उज्जी ज़ेराइयाह का,
ज़ेराइयाह मेराइओथ का,
मेराइओथ अमरियाह का,
अमरियाह अहीतूब का,
अहीतूब सादोक का
सादोक अहीमाज़ का,
अहीमाज़ अज़रियाह का,
अज़रियाह योहानन का,
योहानन अज़रियाह का पिता था.
यह वही अज़रियाह था, जिसने येरूशलेम में शलोमोन द्वारा बनाए गए भवन में पौरोहितिक सेवा की थी.
अज़रियाह अमरियाह का,
अमरियाह अहीतूब का,
अहीतूब सादोक का,
सादोक शल्लूम का,
शल्लूम हिलकियाह का,
हिलकियाह अज़रियाह का,
अज़रियाह सेराइयाह का,
सेराइयाह यहोत्सादाक का,
जब याहवेह ने नबूकदनेज्ज़र द्वारा यहूदिया और येरूशलेम को बंधुआई में भेजा, तब यहोत्सादाक भी बंधुआई में ले जाया गया:
लेवी के पुत्र:
गेरशोम, कोहाथ और मेरारी.
गेरशोम के पुत्रों के ये नाम है:
लिबनी और शिमेई.
कोहाथ के पुत्र:
अमराम, इज़हार, हेब्रोन और उज्ज़िएल.
मेरारी के पुत्र:
माहली और मूशी.
पिताओं के आधार पर लेवी वंशजों के कुल इस प्रकार है:
गेरशोम के कुल:
उसका पुत्र लिबनी, उसका पुत्र याहाथ,
उसका पुत्र ज़िम्माह, उसका पुत्र योआह,
उसका पुत्र इद्दो, उसका पुत्र ज़ेराह,
उसका पुत्र येआथेराई.
कोहाथ के पुत्र:
उसका पुत्र अम्मीनादाब, उसका पुत्र कोराह,
उसका पुत्र अस्सिर, उसका पुत्र एलकाना,
उसका पुत्र एबीआसफ़, उसका पुत्र अस्सिर,
उसका पुत्र ताहाथ, उसका पुत्र उरीएल,
उज्जियाह उसका पुत्र, शाऊल उसका पुत्र.
एलकाना के पुत्र ये थे:
आमासाई, अहीमोथ,
उसका पुत्र एकानाह, एलकाना के पुत्र थे ज़ोफ़ाई,
उसका पुत्र नाहाथ, उसका पुत्र एलियाब,
उसका पुत्र येरोहाम,
उसका पुत्र एलकाना,
शमुएल के पुत्र:
उनका पहलौठा पुत्र योएल,
दूसरा अबीयाह.
मेरारी के पुत्र:
माहली, उसका पुत्र लिबनी,
उसका पुत्र शिमेई, उसका पुत्र उज्जाह,
उसका पुत्र शिमिया, उसका पुत्र हाग्गियाह
और उसका पुत्र असाइयाह.
याहवेह के भवन के संगीतकार
निम्न लिखित पुरुष वे हैं, जिन्हें दावीद ने याहवेह के भवन में संदूक की स्थापना के बाद आराधना में गाने की जवाबदारी सौंप रखी थी. ये येरूशलेम में शलोमोन द्वारा याहवेह का भवन बनाए जाने तक, मिलनवाले तंबू के सामने आराधना-संगीत के द्वारा सेवा करते थे. वे अपने पद के अनुसार ही यह सेवा किया करते थे.
सेवा के लिए चुने गए उन व्यक्तियों और उनके पुत्रों के नाम इस प्रकार है:
कोहाथ के पुत्रों में से:
गायक, हेमान,
जो योएल का पुत्र, शमुएल का पुत्र था,
जो एलकाना का, जो येरोहाम का,
जो एलिएल का, जो तौआह का,
जो सूफ़ का, जो एलकाना का,
जो माहाथ का, जो आमासाई का,
जो एलकाना का, जो योएल का,
जो अज़रियाह का, जो ज़ेफनियाह का,
जो ताहाथ का, जो अस्सिर का,
एबीआसफ़ का, जो कोराह का,
जो इज़हार का, जो कोहाथ का,
जो लेवी का, जो इस्राएल का पुत्र था.
हेमान का सहकर्मी आसफ उसके दाएं पक्ष में खड़ा रहता था, जो वस्तुतः
बेरेखियाह का पुत्र, शिमिया का पुत्र था.
जो मिखाएल का पुत्र था, जो बासेइयाह का,
जो मालखियाह का, जो एथनी का,
जो ज़ेराह का, जो अदाइयाह का,
जो एथन का, जो ज़िम्माह का,
जो शिमेई का, जो याहाथ का,
जो गेरशोम का, जो लेवी का पुत्र था.
उनके बाएं पक्ष में उनके संबंधी, मेरारी-वंशज खड़े हुआ करते थे:
कीशी का पुत्र एथन, जो अबदी का,
जो मल्लूख का, जो हशाबियाह का,
जो अमाज़्याह का, जो हिलकियाह का,
जो आमज़ी का, जो बानी का,
जो शेमर का, जो माहली का,
जो मूशी का, जो मेरारी का,
जो लेवी का पुत्र था.
लेवी, उनके संबंधी, मिलनवाले तंबू और परमेश्वर के भवन संबंधी सेवा के लिए चुने गए थे. मगर अहरोन और उसके पुत्र वेदी पर होमबलि चढ़ाते और धूप वेदी पर धूप जलाते, परम पवित्र स्थान संबंधित कार्य और परमेश्वर के सेवक मोशेह के आदेश अनुसार इस्राएल के लिए प्रायश्चित किया करते थे.
ये अहरोन के वंशज थे:
उसका पुत्र एलिएज़र, उसका पुत्र फिनिहास,
उसका पुत्र अबीशुआ, उसका पुत्र बुक्की,
उसका पुत्र उज्जी, ज़ेराइयाह.
उसका पुत्र मेराइओथ, उसका पुत्र अमरियाह,
उसका पुत्र अहीतूब, उसका पुत्र सादोक
और उसका पुत्र अहीमाज़ था.
उनकी सीमाओं ही के भीतर, उनके शिविरों के आधार पर उनके उपनिवेश इस प्रकार थे मतपत्रों के आधार पर सर्वप्रथम स्थान अहरोन के पुत्रों के परिवार को प्राप्त हुआ था. (अहरोन-वंशजों को जो कोहाथि कुल के थे, क्योंकि चिट्ठी डालकर वे ही इसके लिए पहले स्थान के लिए चुने गए थे):
इन्होंने उन्हें यहूदिया में हेब्रोन क्षेत्र दे दिया साथ ही इसके आस-पास के चरागाह भी. (किंतु नगर के बीच के खेत और इसके गांव उन्होंने येफुन्नेह के पुत्र कालेब को दे दिए.) अहरोन के पुत्रों को उन्होंने शरण शहर दे दिए: हेब्रोन, लिबनाह और इसकी सभी चरागाह, हिलेन और देबीर, आशान, युताह और बेथ-शेमेश और उनकी चरागाह,
तब बिन्यामिन गोत्र की सीमा से गिबियोन,6:60 [यहो 21:17] इसके चरागाहों से इसके चरागाहों समेत गेबा, अलेमेथ, अनाथोथ
इसके सभी उनके ये सभी नगर उनके गोत्रों के अधिकार में हमेशा ही बने रहे. ये कुल तेरह नगर थे.
तब कोहाथ की शेष संतान को ये चिट्ठी डालकर बांट दिए गए. परिवार के गोत्र से, अर्धकुल से, मनश्शेह के आधे गोत्र से, दस नगर.
गेरशोम के पुत्रों को उनके परिवार के अनुसार इस्साखार के गोत्र में से, आशेर के गोत्र में से, नफताली के गोत्र में से और बाशान में मनश्शेह के गोत्र में से तेरह नगर प्रदान किए गए.
मेरारी वंशजों को उनके कुलों के अनुसार रियूबेन के, गाद के और ज़ेबुलून के कुलों से बारह नगर बांटे गए.
इस प्रकार इस्राएल वंशजों को वे नगर दे दिए, जिनमें चरागाह भी थे.
यहूदाह गोत्र के कुलों से उन्होंने चिट्ठियों द्वारा शिमओन वंश के कुलों और बिन्यामिन वंश के कुलों को ये नगर, जिनका उल्लेख किया जा चुका है, दे दिए.
कोहाथ वंश के कुछ परिवारों के पास एफ्राईम गोत्र की सीमा में के कुछ नगर थे.
उन्होंने इन्हें ये शरण शहर दे दिए: एफ्राईम के पर्वतीय क्षेत्र का शेकेम और इसके चरागाहों के साथ गेज़ेर,6:67 [यहो 21:21] योकमेअम, बेथ-होरोन, चरागाहों के साथ अय्जालोन, चरागाहों के साथ गथ-रिम्मोन.
तब मनश्शेह के आधे गोत्र में से चरागाहों के साथ ऐनर और चरागाहों के साथ बिलआम.
मनश्शेह के अर्ध-गोत्र में से गेरशोन-वंशजों को
चरागाहों के साथ बाशान क्षेत्र में गोलान और चरागाहों के साथ अश्तारोथ;
इस्साखार के गोत्र में से चरागाहों के साथ के देश, चरागाहों के साथ दाबरथ, चरागाहों के साथ रामोथ, चरागाहों के साथ आनेम;
आशेर के गोत्र से चरागाहों के साथ माशाल, चरागाहों के साथ अबदोन, चरागाहों के साथ हूक्कोक और चरागाहों के साथ रेहोब;
नफताली के गोत्र में से चरागाहों के साथ गलील में केदेश, चरागाहों के साथ हम्मोन और चरागाहों के साथ किरयथियों.
मेरारी-वंशज शेष लेवियों को:
ज़ेबुलून के गोत्र में से चरागाहों के साथ रिम्मोन, चरागाहों के साथ ताबोर;
और यरदन पार येरीख़ो में यरदन के पूर्वी तट पर रियूबेन के गोत्र में से चरागाहों के साथ बेज़र, जो बंजर भूमि में था, चरागाहों कि साथ यहत्स, चरागाहों के साथ केदेमोथ और चरागाहों के साथ मेफाअथ;
गाद के गोत्र में से चरागाहों के साथ गिलआद में रामोथ, चरागाहों के साथ माहानाईम, चरागाहों के साथ हेशबोन और याज़र.
इस्साखार-वंशज
इस्साखार के पुत्र:
तोला, पुआह, याशूब और शिम्रोन—चार पुत्र.
तोला के पुत्र:
उज्जी, रेफ़ाइयाह, येरिएल, याहमाई, इबसाम और शमुएल ये अपने पूर्वजों के परिवारों के प्रधान थे. तोला के पुत्र अपनी पीढ़ी में वीर योद्धाओं के रूप में मशहूर थे. दावीद के शासनकाल में इनकी संख्या 22,600 आंकी गई थी.
उज्जी का पुत्र:
यिज़राहियाह था.
यिज़राहियाह के पुत्र:
मिखाएल, ओबदिया, योएल, इश्शियाह; ये पांचों ही प्रधान थे. उस पीढ़ी में उनके साथ उनके पूर्वजों के गोत्र के अनुसार युद्ध के लिए सेना की टुकड़िया तैयार थी, जिनकी संख्या 36,000 थी. इस संख्या का कारण था उनकी अनेक पत्नियां और उनसे पैदा अनेक पुत्र.
इस्साखार के सभी परिवारों में सभी संबंधी वीर योद्धा थे. उनका लेखा वंशावली में रखा गया है. ये कुल 87,000 योद्धा थे.
बिन्यामिन वंशज
बिन्यामिन के तीन पुत्र:
बेला, बेकेर और येदिआएल.
बेला के पांच पुत्र:
एज़बोन, उज्जी, उज्ज़िएल, येरीमोथ और ईरी: ये अपने पिता के परिवार के प्रमुख थे. वंशावली लेखा के अनुसार ये 22,034 सभी वीर योद्धा थे.
बेकेर के पुत्र:
ज़ेमिराह, योआश, एलिएज़र, एलिओएनाइ, ओमरी, येरेमोथ, अबीयाह, अनाथोथ और अलेमेथ. ये सभी बेकेर के पुत्र थे. इनका नामांकन इनकी पीढ़ी के अनुसार वंशावली में किया गया है. ये अपने पूर्वजों के परिवार में नायक रहे. इन वीर योद्धाओं की संख्या 20,200 थी.
येदिआएल का पुत्र:
बिलहान.
बिलहान के पुत्र:
येऊश, बिन्यामिन, एहूद, केनानाह, ज़ेथान, तरशीश और अहीशाहार. उनके पिता के परिवार के प्रमुखों के अनुसार ये येदिआएल के पुत्र हुए. ये सभी शूर योद्धा थे, संख्या में 17,200. ये सभी युद्ध के लिए निपुण थे.
ईर के पुत्र थे शुप्पिम और हुप्पिम. अहेर का पुत्र था हुषीम.
नफताली-वंशज
नफताली के पुत्र:
याहत्सिएल, गूनी, येसेर और शल्लूम ये सभी बिलहाह से उत्पन्न पुत्र थे.
मनश्शेह के वंशज
मनश्शेह के पुत्र:
उसकी अरामी उप-पत्नी से पैदा पुत्र अस्रीएल. उसी से पैदा हुआ गिलआद का पिता माखीर. माखीर ने हुप्पिम और शुप्पिम का विवाह कर दिया. उसकी बहन का नाम माकाह था और दूसरी बहन का नाम था ज़लोफेहाद. ज़लोफेहाद ने पुत्रियों को जन्म दिया. माखीर की पत्नी माकाह ने एक पुत्र को जन्म दिया, उसने जिसका नाम रखा, पेरेश. उसके भाई का नाम था शेरेष. पेरेश के पुत्र उलाम और रेकेम.
उलाम का पुत्र था:
बेदान.
ये सभी गिलआद के पुत्र, माखीर के पोते और मनश्शेह के परपोते थे.
माखीर की बहन हम्मोलेखेत ने इशहोद, अबीएज़ेर और महलाह को जन्म दिया.
शेमीदा के पुत्र थे:
अहीयान, शेकेम, लीखी और आनियम.
एफ्राईम-वंशज
एफ्राईम-वंशज:
शूतेलाह, उसका पुत्र बेरेद,
उसका पुत्र ताहाथ, उसका पुत्र एलियाद,
उसका पुत्र ताहाथ, उसका पुत्र ज़ाबाद,
उसके पुत्र शूतेलाह.
(एज़र और एलियाद. इन दोनों का वध गाथ के निवासियों द्वारा उस समय कर दिया गया था, जब ये दोनों उनके पशुओं की चोरी करते हुए पकड़े गए थे. इनके लिए इनका पिता एफ्राईम लंबे समय तक दुःख में डूबा रहा. उसके संबंधी उसे सांत्वना देने उसके पास जाते रहे. इसके बाद उसने अपनी पत्नी से संबंध बनाए. वह गर्भवती हुई और उसने एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम रखा गया बेरियाह यानी मुसीबत, क्योंकि उसके परिवार पर मुसीबत आई हुई थी. उसकी पुत्री का नाम था शीराह. उसने ऊपरवाले और नीचेवाले बेथ-होरोन नगरों और उज्जेन-शीराह नगर का निर्माण किया था.)
उसका पुत्र था रेफ़ाह, उसका पुत्र था रेशेफ़,
उसका पुत्र तेलाह, उसका पुत्र तहान
उसका पुत्र लादान, उसका पुत्र अम्मीहूद,
उसका पुत्र एलीशामा, उसका पुत्र नून
और उसका पुत्र यहोशू.
इनका स्वामित्व और घर बेथेल, और उसके आस-पास के गांव, पूर्वी नआरन, पश्चिमी गेज़ेर और इसके नगरों, शेकेम और इसके नगरों में और अय्याह और इसके नगरों में था. मनश्शेह-वंशजों के अधिकार में बेथ-शान और इसके नगर, तानख और उसके नगर, मगिद्दो और उसके नगर, इन सभी नगरों में इस्राएल के पुत्र योसेफ़ के वंशज निवास करते थे.
आशेर-वंशज
आशेर के पुत्र:
इमनाह, इशवाह, इशवी, बेरियाह और उनकी बहन सेराह.
बेरियाह के पुत्र:
हेबेर और मालखिएल, जो पिता था बिरत्साइथ का.
हेबेर पिता था याफलेत, शोमर, होथाम और इनकी बहन शुआ का.
याफलेत के पुत्र:
पासाख, बिमहाल और अषवाथ.
ये यफलेत के पुत्र थे.
उसके भाई शेमर के पुत्र:
अही, रोहगाह, येहुब्बाह और अराम.
उसके भाई हेलेम के पुत्र:
ज़ोफ़ाह, इमना, शेलेश और आमाल.
ज़ोफ़ाह के पुत्र:
सुआह, हारनेफ़र, शुआल, बेरी, इमराह, बेज़र, होद, शम्मा, शिलशाह, इथरान और बीअरा.
येथेर के पुत्र:
येफुन्नेह, पिस्पा और आरा.
उल्ला के पुत्र:
आराह, हन्निएल और रिज़िया.
ये सभी आशेर वंश के पुरुष थे, अपने गोत्रपिता के परिवारों के प्रमुख, प्रमाणित वीर योद्धा, प्रशासकों के प्रधान थे. उनकी संख्या वंशावली द्वारा गिनी गई थी कि वे युद्धकाल में जाकर युद्ध करें. ये संख्या में 26,000 पुरुष थे.
बिन्यामिन वंशज के ब्योरा, दुबारा
बिन्यामिन अपने पहलौठे बेला का पिता हुआ:
दूसरा पुत्र था अशबेल,
तीसरा अहाराह,
चौथा नोहाह और पांचवा पुत्र था राफ़ा.
बेला के पुत्र:
अद्दार, गेरा, अबीहूद, अबीशुआ, नामान, अहोह, गेरा, शपूपान और हूरम.
एहूद के पुत्र ये गेबा निवासियों के अधिकारी थे, इन्हें ही मानाहाथ को बंधुआई में ले जाया गया था:
नामान, अहीयाह और गेरा, अर्थात् हेगलाम, जो उज्जा और अहीहूद का पिता हुआ.
शाहराइम जब हुषीम और बआरा नामक अपनी पत्नियों को विदा कर चुका, मोआब देश में वह पुत्रों का पिता हुआ. वह अपनी पत्नी होदेश के द्वारा इन पुत्रों का पिता हुआ: योबाब, ज़िबियाह, मेषा, मालकम, येऊत्स, साकिया और मिरमाह. उसके ये पुत्र पूर्वजों के परिवारों के प्रधान हुए. हुषीम के द्वारा भी वह पुत्रों का पिता हुआ: अबीतूब और एलपाल.
एलपाल के पुत्र:
एबर, मिशाम और शेमेद, (जितने ओनो और लोद को और उसके आस-पास के गांव सहित बसाया), बेरियाह और शेमा अय्जालोन के उन निवासियों के पूर्वजों के परिवारों के प्रधान थे, जिन्होंने गाथ में बसे हुए लोगों को नगर छोड़ भागने के लिए विवश कर दिया था.
और आहियो, शाशक और येरेमोथ, ज़ेबादिया, अराद, एदर, मिखाएल, इशपाह और योहा बेरियाह के पुत्र थे.
ज़ेबादिया, मेशुल्लाम, हिज़की, हेबेर, इशमेराइ, इज़लियाह और योबाब एलपाल के पुत्र थे.
याकिम, ज़ीकरी, ज़ब्दी, एलिएनाइ, ज़िल्लेथाइ, एलिएल, अदाइयाह, बेराइयाह और शिमराथ शिमेई के पुत्र थे.
इशपान, एबर, एलिएल, अबदोन, ज़ीकरी, हानन, हननियाह, एलाम, अन्तोतियाह, इफदेइयाह और पेनुएल शाशक के पुत्र थे,
शमशेराइ, शेहरियाह, अथालियाह, यआरेशियाह, एलियाह और ज़ीकरी येरोहाम के पुत्र थे.
ये अपनी पीढ़ियों के अनुसार अपने-अपने परिवारों के प्रधान नायक थे, ये सभी येरूशलेम में रहते थे.
गिबयोन का पिता येइएल गिबयोन में रहता था.
उसकी पत्नी का नाम माकाह था, उसका पहलौठा पुत्र था अबदोन, इसके बाद पैदा हुए ज़ुर, कीश, बाल, नेर, नादाब, गेदोर, आहियो और ज़ेकर. मिकलोथ सिमअह का पिता हो गया. ये लोग भी येरूशलेम में अपने दूसरे रिश्तेदारों के सामने रह रहे थे.
नेर कीश का पिता था, कीश शाऊल का, शाऊल योनातन, मालखी-शुआ, अबीनादाब और एशबाल8:33 एशबाल दूसरा नाम इश-बोशेथ का.
योनातन का पुत्र था:
मेरिब-बाल; मेरिब-बाल8:34 मेरिब-बाल दूसरा नाम मेफ़िबोशेथ जो मीकाह का पिता था.
मीकाह के पुत्र:
पिथोन, मेलेख, तारिया और आहाज़.
आहाज़ पिता हुआ यहोआदाह का, यहोआदाह पिता था अलेमेथ, अज़मावेथ और ज़िमरी का. ज़िमरी पिता था मोत्सा का. मोत्सा पिता था बिनिया का; उसके पुत्र थे राफाह, एलासाह उसके पुत्र, आज़ेल उसके पुत्र.
आज़ेल के छः पुत्र थे, जिनके नाम निम्न लिखित है:
अज़रीकाम, बोखेरु, इशमाएल, शिआरियाह, ओबदिया और हनान. ये सभी आज़ेल के पुत्र थे.
उसके भाई एशेक के पुत्र:
उलाम उसका पहिलौंठा, यीऊश दूसरा पुत्र, एलिफेलेत उसका तीसरा पुत्र. उलाम के सभी पुत्र बलवान योद्धा और धनुर्धारी थे. उनके अनेक पुत्र और पोते हुए, गिनती में 150.
ये सभी बिन्यामिन वंश के थे.
इस प्रकार पूरे इस्राएल का नाम वंशावली में पूरा-पूरा लिख लिया गया. यह इस्राएल के राजा नामक पुस्तक में लिखा गया था. अपने विश्वासघात के कारण यहूदिया को बंधुआई में बाबेल ले जाया गया.
येरूशलेम के निवासी
वे, जो बंधुआई से लौटे, उनमें सबसे पहले वे थे, जो अपने-अपने नगरों में अपनी ही संपत्ति में आकर बसे थे, उनमें कुछ इस्राएली थे, कुछ पुरोहित थे, कुछ लेवी थे और कुछ मंदिर में सेवा के लिए ठहराए गए सेवक थे.
कुछ यहूदिया के रहनेवाले बंधुए, कुछ बिन्यामिन के वंशज और कुछ एफ्राईम और मनश्शेह के वंशज आकर येरूशलेम में बस गए.
उथाई, जो अम्मीहूद का पुत्र था, जो ओमरी का, जो इमरी का, जो बानी का, जो पेरेज़ के पुत्रों में से था, जो यहूदाह का पुत्र था.
शीलोनी वंश के लोगों में से:
पहलौठा असाइयाह और उसके पुत्र.
ज़ेराह के पुत्रों में से:
येउएल
और उसके 690 संबंधी.
बिन्यामिन वंश से:
सल्लू, जो मेशुल्लाम का पुत्र था, जो होदवियाह का पुत्र था, जो हस्सनुआह का पुत्र था;
इबनियाह येरोहाम का पुत्र था;
एलाह जो उज्जी का पुत्र था, जो मिकरी का पुत्र था.
और मेशुल्लाम शेपाथियाह का, जो रियुएल का, इबनियाह जेरोहाम का पुत्र था.
पीढ़ियों की वंशावली के अनुसार ये बिन्यामिन वंश कुल 956 थे. पितरों के गोत्रों की वंशावली के अनुसार ये सभी अपने-अपने गोत्र के प्रधान थे.
पुरोहितों में से:
येदाइयाह; यहोइयारिब; याकिन;
और अज़रियाह जो हिलकियाह का पुत्र था, जो मेशुल्लाम का, जो सादोक का, मेराइओथ का और जो अहीतूब का, जो परमेश्वर के भवन का मुख्य अधिकारी था;
और अदाइयाह, जो येरोहाम का, जो पशहूर का, जो मालखियाह का;
जो मआसाई का, जो आदिएल का, जो याहत्सेरहा का, जो मेशुल्लाम का, जो मेशिलेमिथ का, जो इम्मर का पुत्र था.
उनके रिश्तेदारों के अलावा, उनके पितरों के कुलों के प्रमुख ये 1,760 बलवान व्यक्ति परमेश्वर के भवन में सेवा के लिए तैयार व्यक्ति थे.
लेवियों में से:
शेमायाह, जो हस्षूब का पुत्र था, जो अज़रीकाम का, जो हशाबियाह का, जो मेरारी का पुत्र था;
बकबक्कर, हेरेश, गलाल और मत्तनियाह, जो मीका का पुत्र था, जो ज़ीकरी का, जो आसफ का पुत्र था;
और ओबदिया, जो शेमायाह का, जो गलाल का, जो यदूथून का;
और बेरेखियाह, जो आसा का, जो एलकाना का, जो नेतोफ़ाथियों के गांवों में निवास करता रहा था.
द्वारपाल थे:
शल्लूम, अक्कूब, तालमोन, अहीमान और उनके संबंधी, जिनमें शल्लूम सबका प्रधान था. वे सभी अब तक राजा के पूर्वी द्वार पर चुने जाने के कारण लेवियों के शिविरों के द्वारपाल रहे.
शल्लूम, जो कोरे का पुत्र था, जो एबीआसफ़ का, जो कोराह का और उसके पिता के परिवार के संबंधी, कोराह के वंशज सेवा करने के अधिकारी थे. वे शिविर की ड्योढ़ी के लिए के लिए चुने गए थे; ठीक जिस प्रकार उनके पूर्वज याहवेह के शिविर के अधिकारी थे, यानी फाटक के.
इसके पहले एलिएज़र का पुत्र फिनिहास इन सबके ऊपर प्रधान अधिकारी रहा. याहवेह उसके साथ रहता था.
मिलनवाले तंबू के द्वार पर मेषेलेमियाह के पुत्र ज़करयाह को द्वारपाल रखा गया था.
ड्योढ़ी के लिए चुने गए ये द्वारपाल गिनती में 212 थे. उनकी गिनती उनके गांवों की वंशावली में की गई है.
दावीद और दर्शी शमुएल ने इनको विश्वासयोग्य देखकर इन्हें इस पद पर ठहराया था. ये सब और इनके पुत्र याहवेह के भवन के द्वारों के अधिकारी थे अर्थात् तंबू के पहरेदार. ये द्वारपाल पूर्व, पश्चिम, उत्तर और दक्षिण, चारों दिशाओं में ठहराए गए थे. हर सप्ताह उनके गांवों से उनके भाई-बंधुओं का वहां आकर उनके साथ रहना तय था. क्योंकि चार प्रमुख द्वारपालों को, जो विश्वास्य लेवी थे, परमेश्वर के भवन के कमरों और खजाने की जवाबदारी सौंपी गई थी. रात में वे परमेश्वर के भवन के आस-पास ही रहते थे, क्योंकि इसकी रक्षा करना और इसे हर सुबह खोलने की चाबी उन्हीं की जवाबदारी में थी.
इनमें से कुछ बलि चढ़ाने वाले बर्तनों के अधिकारी थे, क्योंकि जब ये बाहर ले जाए जाते और लौटाए जाते थे, उनकी गिनती करना ज़रूरी होता था. इनमें से अन्यों को मेजों, सभी पवित्र बर्तनों, साथ ही मैदा, अंगूर के रस, तेल, गन्धरस और मसालों के प्रबंध के लिए चुना गया था. पुरोहितों के दूसरे पुत्रों की जवाबदारी थी इस्तेमाल के लिए मसालों को तैयार करना, एक लेवी, कोराहवंशी शल्लूम के पहलौठे मत्तीथियाह की जवाबदारी थी पतली-पतली रोटियां बनाना. इसके अलावा कोहाथ के संबंधियों में से कुछ व्यक्ति हर शब्बाथ भेंट की रोटी तैयार करने के अधिकारी थे.
लेवी के पितरों के कुलों के प्रधान, जो गायक थे, मंदिर के कमरों में ठहराए गए थे. उन्हें अन्य कोई काम सौंपा नहीं गया था, क्योंकि उनका काम ही ऐसा था, जिसमें वे रात-दिन व्यस्त रहते थे.
ये सभी अपनी-अपनी पीढ़ियों के अनुसार लेवी के पितरों के कुलों के प्रधान थे, जिनका घर येरूशलेम में ही था.
शाऊल का वंशानुक्रम
गिबयोन का पिता येइएल गिबयोन में रहता था.
उसकी पत्नी का नाम माकाह था, उसका पहलौठा पुत्र था अबदोन, इसके बाद पैदा हुए ज़ुर, कीश, बाल, नेर, नादाब, गेदोर, आहियो, ज़करयाह और मिकलोथ. मिकलोथ सिमअह का पिता हो गया. ये लोग भी येरूशलेम में अपने दूसरे रिश्तेदारों के सामने रह रहे थे.
नेर कीश का पिता था, कीश शाऊल का, शाऊल योनातन, मालखी-शुआ, अबीनादाब और एशबाल का.
योनातन का पुत्र था:
मेरिब-बाल; मेरिब-बाल जो मीकाह का पिता था.
मीकाह के पुत्र:
पिथोन, मेलेख, ताहरिया और आहाज़.
आहाज़ पिता था याराह का, याराह अलेमेथ, अज़मावेथ और ज़िमरी का, ज़िमरी, मोत्सा का. मोत्सा पिता था बिनिया का; उसके पुत्र थे रेफ़ाइयाह, एलासाह उसके पुत्र, आज़ेल उसके पुत्र.
आज़ेल के छः पुत्र थे, जिनके नाम निम्न लिखित है:
अज़रीकाम, बोखेरु, इशमाएल, शिआरियाह, ओबदिया और हनान. ये आज़ेल के पुत्र थे.
शाऊल व उसके पुत्रों की मृत्यु
फिलिस्तीनियों ने इस्राएल पर हमला कर दिया. इस्राएली सैनिक फिलिस्तीनियों के सामने टिक न सके. अनेक गिलबोआ पर्वत पर मारे गए. फिलिस्तीनियों ने शाऊल और उनके पुत्रों को जा पकड़ा और उन्होंने शाऊल के पुत्रों योनातन, अबीनादाब तथा मालखी-शुआ की हत्या कर दी. शाऊल के आस-पास युद्ध बहुत ही उग्र था. धनुर्धारियों ने उन्हें देख लिया और उन्हें गंभीर रूप घायल कर दिया.
शाऊल ने अपने शस्त्रवाहक को आदेश दिया, “इसके पहले कि ये अख़तनित आकर मेरी दुर्गति करके मुझ पर तलवार का प्रहार करें, तुम अपनी तलवार से मुझ पर प्रहार कर दो.” मगर उस भयभीत हथियार उठानेवाले ने यह विनती अस्वीकार कर दी.
तब स्वयं शाऊल ने अपनी तलवार निकाली और उस पर गिर पड़े. जब हथियार ढोनेवाले ने यह पाया कि शाऊल की मृत्यु हो गई है, वह भी उसी प्रकार अपनी तलवार पर जा गिरा और उसकी भी मृत्यु हो गई. इस प्रकार शाऊल और उनके तीनों पुत्रों की मृत्यु हो गई; साथ ही उसके पूरे परिवार की भी मृत्यु हो गई.
जब घाटी के इस्राएलियों ने देखा कि इस्राएली सेना पीठ दिखाकर भाग रही है, शाऊल और उनके पुत्र युद्ध में मारे गए हैं, वे नगर छोड़-छोड़कर भागने लगे. तब फिलिस्तीनी आए और नगरों में निवास करने लगे.
अगले दिन, जब फिलिस्तीनी आए कि शवों पर से, जो मिल सके, अपने लिए उठा ले जाएं. उन्हें गिलबोआ पर्वत पर शाऊल और उसके पुत्रों के शव दिखाई दिए. उन्होंने शाऊल का सिर काटा, उनके कपड़े उनकी शव से उतार लिए और यह संदेश सारा फिलिस्तिया देश में अपने देवताओं के तथा लोगों के बीच फैलाने के लिए दूतों को भेज दिया. उन्होंने शाऊल के हथियार अपने देवताओं के मंदिर में रखवा दिए और उसके सिर को अपने देवता दागोन के मंदिर में लटका दिया.
जब पूरे याबेश-गिलआदवासियों तक यह समाचार पहुंचा कि शाऊल के साथ फिलिस्तीनियों ने कैसा व्यवहार किया है, सारे वीर योद्धा इकट्ठा हो गए और जाकर शाऊल के और उसके पुत्रों के शव उठाकर याबेश नगर को ले आए. उन्होंने इन शवों की अस्थियों को याबेश नगर के बांज पेड़ के नीचे गाड़ दिया और उनके लिए सात दिन तक उपवास रखा.
शाऊल की मृत्यु का कारण था याहवेह के प्रति उनके द्वारा किया गया विश्वासघात. उन्होंने याहवेह के आदेश का पालन नहीं किया था, इसके अलावा उसने भूत सिद्धि करनेवाले की राय भी ली थी. उसने याहवेह से मार्गदर्शन लेना ज़रूरी न समझा था. इसी कारण याहवेह ने उसके प्राण ले लिए और राज्य का प्रशासन यिशै के पुत्र दावीद के हाथों में दे दिया.
दावीद का राजाभिषेक
इसके बाद सारा इस्राएल हेब्रोन में दावीद से भेंट करने इकट्ठा आए और उनके समक्ष यह प्रस्ताव रखा, “विचार कीजिए, हम आप ही की अस्थि और मांस हैं. पिछले सालों में जबकि राजा तो शाऊल थे किंतु ये आप ही थे, जो हमारा मार्गदर्शन और इस्राएली सेना को चलाते रहे. याहवेह आपके परमेश्वर ने आपसे कहा था, ‘तुम मेरी प्रजा इस्राएल के चरवाहे होगे, तुम मेरी प्रजा इस्राएल के शासक होगे.’ ”
इसलिये इस्राएल के सारे प्राचीन हेब्रोन नगर में राजा के सामने इकट्ठा हुए. राजा दावीद ने याहवेह के सामने उनसे वाचा बांधी. तत्पश्चात उन्होंने याहवेह के संदेश के अनुसार, जो उन्होंने शमुएल द्वारा दिया गया था, इस्राएल देश के लिए दावीद का राजाभिषेक किया.
दावीद द्वारा येरूशलेम का अधिग्रहण
दावीद और सारा इस्राएल येरूशलेम की ओर गया. येरूशलेम (यानी यबूस), जहां यबूसी रहते थे. ये ही क्षेत्र के मूल निवासी थे. यबूसियों ने दावीद से कहा, “आप इस नगर में कभी आने न पाओगे.” फिर भी दावीद ने ज़ियोन गढ़ पर अधिकार कर लिया, जिसे दावीद-नगर भी कहा जाता है.
दावीद ने घोषणा की, “जो कोई सबसे पहले यबूसियों पर हमला करेगा, सेना का प्रधान और सेनापति ठहराया जाएगा.” ज़ेरुइयाह का पुत्र योआब सबसे पहले वहां पहुंच गया, तब उसे सेनापति का पद दे दिया गया.
दावीद ने गढ़ में रहना शुरू कर दिया. यही कारण है कि यह दावीद-नगर नाम से जाना जाने लगा. दावीद ने इसी के चारों ओर नगर को बनाया, मिल्लो से शुरू करते हुए आस-पास के इलाके तक. योआब ने नगर का बाकी काम भी पूरा किया. दावीद पर सर्वशक्तिमान याहवेह की कृपादृष्टि थी तब दावीद धीरे धीरे मजबूत होते चले गए.
दावीद के शूरवीर
दावीद के वीरों में प्रमुख, जो इस्राएली सेना के अलावा उनके राज्य में उनके लिए मजबूत आधार थे, जिन्होंने दावीद को राजा बनाने में, इस्राएल के संबंध में याहवेह के वचन के अनुसार सहयोग दिया था, दावीद के उन वीरों की गिनती इस प्रकार है:
हकमोनवासी यासोबअम तीस का प्रमुख था. उसने 300 सैनिकों पर अपने भाले से वार किया और एक ही वार में इनको मार डाला.
उसके बाद अहोही दोदो का पुत्र एलिएज़र, जो तीन वीरों में से एक था. पस-दम्मीम में वही दावीद के साथ था, जब वहां फिलिस्तीनियों ने युद्ध के लिए मोर्चा बांधा था. वहां जौ की उपज का एक खेत था. प्रजा फिलिस्तीनियों से बचकर भाग रही थी. उन्होंने खेत के बीच में रहते हुए उनका सामना किया, उस खेत की रक्षा करते रहे और फिलिस्तीनियों को मार गिराया. याहवेह ने बड़ी जीत के द्वारा उनकी रक्षा की.
चट्टान में अदुल्लाम गुफा में तीस प्रमुख अधिकारियों में से तीन दावीद से भेंट करने गए. इस समय फिलिस्तीनी सेना रेफाइम की घाटी में शिविर डाले हुए थी. इस समय दावीद गढ़ में थे, और फिलिस्तीनी सेना बेथलेहेम में. बड़ी इच्छा से दावीद कह उठे, “कैसा सुखद होता अगर कोई बेथलेहेम फाटक के पास के कुएं से मुझे पीने के लिए पानी ला देता!” वे तीनों फिलिस्तीनियों के शिविर में से बचते-बचाते जाकर उस कुएं से, जो बेथलेहेम के द्वार के निकट था, दावीद के लिए जल ले आए. मगर दावीद ने वह जल पिया नहीं, उन्होंने उसे याहवेह के सामने उंडेल दिया. और कहा, “मेरे परमेश्वर के सामने मुझसे यह काम कभी न हो. क्या मैं इन लोगों का लहू पीऊं, जो अपने प्राण जोखिम में डाल मेरे लिए यह जल लाए हैं?” इसलिये दावीद ने वह जल नहीं पिया.
ऐसे साहसिक थे इन वीरों के कार्य.
योआब का भाई अबीशाई तीस सैनिकों पर अधिकारी था. उसने तीन सौ पर अपनी बर्छी घुमाई और उनको मार गिराया. उसने भी उन तीनों के समान प्रतिष्ठा प्राप्त की. दूसरे वर्ग में जो तीन थे, उनमें वह सबसे अधिक प्रतिष्ठित था. वही उनका प्रधान बन गया; मगर वह उन तीन के सामने न आ सका.
कबज़ीएल के एक वीर के पोते, यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह ने बड़े-बड़े काम किए थे उसने मोआब के अरीएल के दो पुत्रों को मार गिराया. उसने ही उस दिन, जब बर्फ गिर रही थी, जाकर एक गड्ढे में बैठे सिंह का वध किया था. उसने एक बहुत ही लंबे कद के मिस्रवासी का, जो लगभग साढ़े सात फुट का था, वध किया था. उस मिस्री के हाथ में जो भाला था, वह बुनकर की बल्ली के समान था. किंतु बेनाइया अपने हाथ में सिर्फ एक लाठी ले उसके निकट गया और उस मिस्री के हाथ से उसका भाला छीन उसी से उसको मार डाला. यहोयादा के पुत्र बेनाइयाह ने ये सारे काम किए और उन तीन वीरों के समान प्रतिष्ठा प्राप्त की. वह उन तीस में ही प्रख्यात हुआ, मगर उन तीन के तुल्य नहीं. दावीद ने उसे अपने अंगरक्षक का अधिकारी नियुक्त कर दिया.
वीर ये थे:
योआब का भाई आसाहेल,
बेथलेहेमवासी दोदो का पुत्र एलहानन,
हारोर का शम्मोथ,
पेलोन का हेलेस,
तकोआ के इक्केश का पुत्र ईरा,
अनाथोथवासी अबीएज़ेर,
हुशाथी सिब्बेकाई,
अहोही इलाई,
नेतोफ़ाही माहाराई,
नेतोफ़ाही का ही बाअनाह का पुत्र हेलेद,
बिन्यामिन वंश के गिबियाह के रिबाई का पुत्र इथाई,
पीराथोनवासी बेनाइयाह,
गाश की नदियों से हुराई,
अरबाथवासी अबीएल,
बाहारूमवासी अज़मावेथ,
शालबोनी एलीअहाब,
गीज़ोनी हशेम के पुत्र,
हारारवासी शागी का पुत्र योनातन,
हारारवासी साकार का पुत्र अहीयम,
ऊर का पुत्र एलिफाल,
मेखेराथी हेफेर,
पेलोनवासी अहीयाह,
कर्मेल का हेज़ोरो,
एज़बाई का पुत्र नआराई,
नाथान का भाई योएल,
हागरी का पुत्र मिबहार,
अम्मोनवासी सेलेक,
बीरोथवासी नाहाराई, जो ज़ेरुइयाह के पुत्र योआब का हथियार उठानेवाला था.
इथरवासी ईरा,
इथरवासी गारेब.
हित्ती उरियाह,
अहलाई का पुत्र ज़ाबाद,
रुबेनवंशी शीज़ा का पुत्र आदिन, जो रियूबेन के वंशों का प्रधान था. ये तीस भी उसके साथ थे,
माकाह का पुत्र हानन,
और मिथिनवासी यहोशाफ़ात,
अश्तारोथवासी उज्जियाह,
अरोअरवासी होथाम के पुत्र शमा और येइएल.
शिमरी का पुत्र येदिआएल,
और उसका भाई तित्सी योहा.
महाव-वासी एलिएल,
एलनाम के पुत्र येरिबाई,
और योसावियाह और मोआबी इथमाह.
एलिएल, ओबेद और मेत्सोबावासी यआसिएल.
शूरवीर दावीद के साथ
ज़िकलाग में दावीद के समर्थक ये वे व्यक्ति हैं जिन्होंने ज़िकलाग में दावीद की शरण ली थी, जब उन पर कीश के पुत्र शाऊल द्वारा रोक लगा दी गई थी. (ये सभी उन वीर योद्धाओं में से थे, जिन्होंने युद्ध में दावीद की बड़ी सहायता की थी. ये धनुर्धारी सैनिक थे, जो धनुष चलाने में निपुण होने के साथ साथ दाएं अथवा बाएं दोनों हाथों से गोफन में पत्थर रखकर छोड़ सकते थे. ये बिन्यामिन प्रदेश से शाऊल के रिश्तेदार थे):
इनका प्रधान था अहीएज़र इसके बाद योआश ये दोनों ही गिबियाथवासी शेमाआ के पुत्र थे और अज़मावेथ के पुत्र,
येत्सिएल और पेलेत,
बेराका, अनाथोथी येहू, गिबियोनवासियों का इशमाइया, जो उन तीस में शामिल एक वीर था और वह उन तीसों का प्रधान था.
येरेमियाह, याहाज़िएल, योहानन, गेदेराह का योज़ाबाद, एलुत्साई, येरीमोथ, बालियाह, शेमारियाहू, हारुफ़ी शेपाथियाह;
एलकाना, इश्शियाह, अज़रेल योएत्सर, और यासोबअम. ये सभी कोराह के वंशज थे;
और गेदोर के येरोहाम के पुत्र योएलाह और ज़ेबादिया.
जब दावीद बंजर भूमि के गढ़नगर में थे, गाद प्रदेश से उनके पास बलवान और अनुभवी सैनिक जा पहुंचे. ये भाले और ढाल के कौशल में निपुण थे. इनका मुखमंडल सिंहों के मुंह के समान था, जो ऐसी तेजी से दौड़ते थे जैसे पहाड़ों पर दौड़ती हिरणी.
प्रधान था एज़र,
दूसरा ओबदिया, तीसरा एलियाब,
मिशमन्नाह चौथा, येरेमियाह पांचवा,
अत्तई छठा, एलिएल सातवां,
योहानन आठवां, एलज़ाबाद नौवां,
येरेमियाह दसवां, मकबन्नाई ग्यारहवां.
गाद के वंशजों में से ये सेना के अधिकारी थे; इनमें निपुणता में सबसे छोटा भी उनके एक सौ के समान था और सबसे बड़ा एक हज़ार के बराबर. ये ही वे हैं, जिन्होंने पहले महीने में यरदन नदी को उस स्थिति में पार किया था, जब नदी का पानी दोनों तटों से उमड़ कर बह रहा था. उन्होंने घाटियों के निवासियों को भगाकर पूर्व और पश्चिम दोनों दिशाओं में भगा दिया.
इसके बाद बिन्यामिन और यहूदाह के वंशज दावीद से भेंट करने गढ़ में आए. दावीद उनसे भेंट करने बाहर आ गए. दावीद ने कहा, “यदि आप मित्र-भाव में मेरी सहायता के उद्देश्य से मुझसे मिलने आए हैं, मेरा हृदय आपसे जुड़ जाएगा; मगर यदि यह मुझे मेरे शत्रुओं के हाथों में सौंपने की योजना है, इसलिये कि मेरे हाथों ने कुछ भी गलत नहीं किया है, हमारे पूर्वजों के परमेश्वर ही इस पर दृष्टि करके निर्णय करें.”
इसी समय पवित्रात्मा आमासाई पर जो उन तीस पर प्रधान था, उतरे और आमासाई यह कहने लगा,
“दावीद, हम आपके हैं!
यिशै के पुत्र, हम आपके साथ हैं!
शांति, आप पर शांति बनी रहे,
शांति आपके सहायकों पर बनी रहे, निःसंदेह,
आपके परमेश्वर आपकी सहायता करते हैं.”
यह सुन दावीद ने उन्हें स्वीकार कर लिया और उन्हें सैनिकों का प्रधान बना दिया.
दावीद जब शाऊल के विरुद्ध फिलिस्तीनियों के साथ युद्ध के लिए तैयार हो ही रहे थे कि कुछ मनश्शेहवासी भी दावीद के साथ हो गए. (फिर भी दावीद फिलिस्तीनियों के साथ युद्ध पर नहीं गए, क्योंकि फिलिस्तीनियों के अधिकारियों ने आपस में विचार-विमर्श किया और दावीद को इस शक के साथ लौटा दिया, “हमारे सिरों को कटवा कर वह अपने स्वामी शाऊल के पास लौट जाएगा.”) दावीद जब वहां से ज़िकलाग को गए, मनश्शेहवासी अदनाह, योज़ाबाद, येदिआएल, मिखाएल, योज़ाबाद, एलिहू और ज़िल्लेथाइ दावीद की ओर आ गए थे. ये सभी हज़ारों के मुखिया मनश्शेह प्रदेश के थे. इन सभी ने छापामारों से दावीद को सुरक्षा दिलाई थी, क्योंकि ये सभी बहुत ही वीर और सेना के प्रधान भी थे. लोगों का दावीद के पास आने का काम चलता रहा और देखते ही देखते परमेश्वर की सेना के समान एक बड़ी सेना तैयार हो गई.
दावीद के साथ दूसरे भी शामिल
हज़ारों सेना की टुकड़ियों की गिनती इस प्रकार है. ये सब दावीद के पास हेब्रोन में आए थे, कि उन्हें शाऊल का शासन सौंप दें, जैसी कि याहवेह का कहा गया वचन था:
ढाल और भालाधारी यहूदिया के हज़ार सैनिकों की गिनती 6,800 थी;
शिमओन से वीर योद्धा 7,100;
लेवी से 4,600, अहरोन से शासक यहोयादा और उसके साथ 3,700 सैनिक. सादोक एक वीर योद्धा था, उसी के परिवार से बाईस सेनापति पैदा हुए थे.
इस समय तक बिन्यामिन से, शाऊल के संबंधी 3,000 थे, क्योंकि अब तक शाऊल के प्रति विश्वासयोग्य थे;
एफ्राईम से अपने पिता के वंश से प्रख्यात योद्धा 20,800;
मनश्शेह के आधे गोत्र से 18,000; इन्हें साफ़-साफ़ कह दिया गया था कि वे आकर दावीद का राजाभिषेक करें.
इस्साखार से 200 प्रधान थे, जिनके सभी संबंधियों पर उनका अधिकार था;
ये वे थे, जिन्हें यह अहसास था कि इस्राएल के लिए कब क्या करना सबसे सही होगा. ज़ेबुलून से 50,000 वीर योद्धा थे; इनके पास युद्ध के सभी प्रकार के हथियार थे. ये दावीद के प्रति पूरी तरह समर्पित थे, वे चंचल न थे.
नफताली से 37,000 सैनिक थे, जिन पर 1,000 सेनापति थे;
लड़ाई के लिए तैयार दान गोत्र से 28,600;
आशेर गोत्र से 40,000 युद्ध के लिए तैयार अनुभवी सैनिक;
यरदन नदी के दूसरी ओर से, रियूबेन के गोत्र, गाद के गोत्र और मनश्शेह के आधे गोत्र से और गाद वंश गोत्र को दी गई भूमि के भाग से 1,20,000 सैनिक, जो युद्ध के लिए सभी प्रकार के हथियारों से सजे थे.
ये सभी, जो वीर योद्धा थे, जो युद्ध व्यूह बनाने में निपुण थे.
दावीद को पूरे इस्राएल पर राजा बनाने की मंशा को लेकर हेब्रोन आए और सारा इस्राएल भी चाहते थे की दावीद अपना राजा बनें. वहां वे दावीद के साथ तीन दिन रहे. वहां उनकी भोजन की पूरी व्यवस्था थी क्योंकि यह प्रबंध उनके लिए उनके भाइयों द्वारा किया गया था. इनके अलावा दूर-दूर से उनके संबंधी—इस्साखार, ज़ेबुलून और नफताली प्रदेशों से अपने गधों, ऊंटों, खच्चरों और बैलों पर लादकर भोजन सामग्री, बड़ी मात्रा में आटे से बने भोजन पदार्थ, अंजीर की टिक्कियां, किशमिश के गुच्छे, अंगूर का रस, तेल ले आए, साथ ही बैल और भेड़ें भी, क्योंकि इस्राएल में आनंद छा चुका था.
संदूक परिवहन का संकट
दावीद ने सहस्र पतियों, शतपतियों और हर एक शासक से विचार-विमर्श किया. दावीद ने सारी इस्राएली सभा को कहा, “यदि यह आपको सही लगे, यदि यह याहवेह, हमारे परमेश्वर की ओर से है, हम हमेशा अपने देशवासियों के लिए, जो सारे इस्राएल में बचे रह गए हैं, उन पुरोहितों और लेवियों को, जो उनके साथ ऐसे नगरों में हैं, जिनमें चरागाह हैं यह संदेश भेजें, कि वे आकर हमसे मिलें. तब हम अपने परमेश्वर के संदूक को यहां ले आएं, क्योंकि शाऊल के शासनकाल में हम परमेश्वर के संदूक से दूर रहे हैं.” सारी सभा ऐसा करने के लिए राज़ी हो गई, क्योंकि यह बात सभी की नज़रों में सही थी.
इस प्रकार दावीद ने मिस्र देश की शीख़ोर नदी से लेकर लबो-हामाथ तक के सभी इस्राएलियों को इकट्ठा किया, कि परमेश्वर के संदूक को किरयथ-यआरीम से लाया जाए. सो दावीद और सारा इस्राएल परमेश्वर के संदूक को, जो याहवेह की प्रतिष्ठा है, जिस पर याहवेह करूबों से ऊपर आसीन हैं, यहूदिया प्रदेश के बालाह यानी किरयथ-यआरीम से लाने को गए.
अबीनादाब के घर से एक नई गाड़ी पर परमेश्वर का संदूक ले जाया गया. इस गाड़ी को चलानेवाले थे उज्जा और आहियो. दावीद और सारा इस्राएल तरह-तरह के बाजों और गीतों के सुरों पर परमेश्वर के सामने पूरे तन-मन से आनंदित हो रहे थे.
जब वे कीदोन के खलिहान पर पहुंचे, बैल लड़खड़ा गए, और उज्जा ने संदूक को थामने के लिए हाथ बढ़ाया. तब उज्जा पर याहवेह का क्रोध भड़क उठा. याहवेह ने उस पर वार किया, क्योंकि उसने संदूक की ओर अपना हाथ बढ़ाया था. परमेश्वर के सामने उसकी मृत्यु हो गई.
उज्जा पर याहवेह के इस क्रोध पर दावीद गुस्सा हो गए. वह स्थान आज तक पेरेज़-उज्जा13:11 पेरेज़-उज्जा अर्थ उज्जा का विरोध में भड़कना कहा जाता है.
दावीद उस दिन परमेश्वर से बहुत ही डर गए. वह विचार कर रहे थे, “मैं परमेश्वर के संदूक को अपने इधर कैसे ला सकता हूं?” इसलिये दावीद संदूक को दावीद-नगर में नहीं ले गए, बल्कि वे संदूक को गाथ ओबेद-एदोम के घर पर ले गए. तब परमेश्वर का संदूक ओबेद-एदोम के घर पर, उसके परिवार के साथ तीन महीने रहा. ओबोद-एदोम के परिवार और उसकी संपत्ति पर याहवेह की कृपादृष्टि बनी रही.
दावीद का बड़ा परिवार
सोर देश के राजा हीराम ने देवदार के पेड़ की लकड़ी, राजमिस्त्री और बढ़ई के साथ अपने दूत भेजे. हीराम की इच्छा थी दावीद के लिए एक घर बनवाना. दावीद को यह साफ़ निश्चय हो गया था कि याहवेह ने उन्हें राजा के रूप में प्रतिष्ठित कर दिया है और यह भी कि याहवेह की प्रजा इस्राएल के लिए उसका राज्य बहुत ही गौरवान्वित हो गया है.
येरूशलेम आकर बसने पर दावीद और भी उपपत्नियां और पत्नियां ले आए, और उनके और भी संतान पैदा हुईं. येरूशलेम में पैदा उनकी संतान के नाम ये हैं: शम्मुआ, शोबाब, नाथान, शलोमोन, इबहार, एलिशुआ, एलपेलेत, नोगाह, नेफ़ेग, याफिया, एलिषमा, बीएलिआदा और एलिफेलेत.
फिलिस्तीनियों की पराजय
जब फिलिस्तीनियों को यह मालूम हुआ कि सारे इस्राएल के लिए दावीद का राजाभिषेक किया गया है, सभी फिलिस्तीनी दावीद की खोज में निकल पड़े. दावीद को इसका समाचार मिल गया. वह उनसे युद्ध करने निकल पड़े. इस समय फिलिस्तीनी आकर रेफाइम घाटी में फैल गए. दावीद ने परमेश्वर से पूछा, “क्या मैं फिलिस्तीनियों पर हमला करूं? क्या आप उन्हें मेरे अधीन कर देंगे?”
याहवेह ने दावीद को उत्तर दिया, “हमला करो! मैं उन्हें तुम्हारे अधीन कर दूंगा.”
दावीद और उसके सैनिकों ने बाल-पेराज़िम नामक स्थान पर पहुंचे और वहां फिलिस्तीनियों को हरा दिया. वहां दावीद ने यह घोषित किया, “परमेश्वर मेरे शत्रुओं पर कुछ ऐसे टूट पड़े, जैसे बहुत से जल के बांध को तोड़ देते वक्त का बहाव.” इस पर उस स्थान का नाम पड़ गया, बाल-पेराज़िम14:11 बाल-पेराज़िम अर्थात् तोड़नेवाला प्रभु. फिलिस्तीनी अपने देवता वहीं छोड़कर भागे थे. तब दावीद ने आदेश दिया और वे जला दिए गए.
एक बार फिर फिलिस्तीनियों ने उस घाटी में छापा मारा. दावीद ने दोबारा परमेश्वर से पूछा और परमेश्वर ने उन्हें उत्तर दिया, “तुम उनका पीछा करते हुए हमला न करना, बल्कि घूमकर उनके पीछे जाओ और मोखा पेड़ों के सामने से उन पर हमला करो. हमला उस समय सही होगा, जब तुम्हें मोखा के पेड़ों के ऊपर से सेना की चहल-कदमी सुनाई देने लगें. तब तुम युद्ध शुरू कर देना, क्योंकि उस समय परमेश्वर तुम्हारे आगे-आगे फिलिस्तीनी सेना को मारते हुए आगे बढ़ रहे होंगे.” दावीद ने वैसा ही किया, जैसा परमेश्वर ने आदेश दिया था. उन्होंने गिबयोन से लेकर गेज़ेर तक फिलिस्तीनी सेना को मार गिराया.
सभी देशों में दावीद की कीर्ति फैलती चली गई. याहवेह ने सभी देशों पर उनका आतंक फैला दिया.
संदूक को येरूशलेम लाया जाना
दावीद ने दावीद-नगर में अपने लिए भवन बना लिए. उन्होंने परमेश्वर के संदूक के लिए भी एक जगह तैयार की और उसके लिए शिविर खड़ा किया. तब दावीद ने आदेश दिया, “परमेश्वर के संदूक को लेवियों के अलावा और कोई न उठाए, क्योंकि याहवेह ने हमेशा के लिए याहवेह के संदूक को उठाने के लिए और अपनी सेवा के लिए उन्हें ही चुना है.”
दावीद ने सारे इस्राएल को येरूशलेम में इकट्ठा किया कि याहवेह के संदूक को येरूशलेम में उनके द्वारा उसके लिए तैयार किए गए स्थान पर लाया जाए.
दावीद ने अहरोन के इन पुत्रों और लेवियों को इकट्ठा किया:
कोहाथ के पुत्रों में से उरीएल,
जो प्रधान था और उसके 120 रिश्तेदार;
मेरारी के पुत्रों में से असाइयाह,
जो कि प्रधान था और उसके 220 संबंधी;
गेरशोम के पुत्रों में से योएल,
जो प्रधान था और उसके 130 संबंधी;
एलिज़ाफ़ान के पुत्रों में से, शेमायाह,
जो प्रधान था और उसके 200 संबंधी;
हेब्रोन के पुत्रों में से,
एलिएल, जो प्रधान था और उसके 80 संबंधी;
उज्ज़िएल के पुत्रों में से,
अम्मीनादाब, जो प्रधान था और उसके 112 भाइयों को.
तब दावीद ने सादोक और अबीयाथर नामक पुरोहितों को और उरीएल असाइयाह, योएल, शेमायाह, एलिएल और अम्मीनादाब नामक लेवियों को बुलवाकर उन्हें संबोधित करते हुए कहा, “आप सभी लेवी पितरों के गोत्रों के प्रधान हैं; आप लोग अपने आपको शुद्ध कीजिए-अपने आपको और अपने रिश्तेदारों, दोनों को, कि आप लोग याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर के संदूक को उस जगह पर ले आएं, जो मैंने उसके लिए तैयार किया है. पहली बार में आप लोगों ने इसको नहीं निभाया था, इसलिये याहवेह, हमारे परमेश्वर का क्रोध हम पर भड़क गया था. हमने व्यवस्था के अनुसार इसके उठाने के लिए उनकी इच्छा ही मालूम नहीं की थी.” तब पुरोहितों और लेवियों ने अपने आपको शुद्ध किया कि वे याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर के संदूक को ले आएं. इसलिये लेवी वंशजों ने परमेश्वर के संदूक को उसमें लगी बल्लियों के द्वारा उठाया, जैसा मोशेह द्वारा आदेश दिया गया था, जैसा याहवेह ने मोशेह को बताया था.
दावीद ने लेवियों के प्रधानों को यह आदेश दे रखा था कि वे अपने गायक संबंधियों को चुनें कि वे बाजों के साथ और ऊंची आवाज की झांझ के साथ आनंद में गायें.
इसलिये लेवियों ने इसके लिए इन लोगों चुना: योएल के पुत्र हेमान और उसके संबंधियों को, बेरेखियाह के पुत्र आसफ और मेरारी के पुत्रों में से उनके संबंधियों को, कुशायाह के पुत्र एथन को; उनके साथ उनके संबंधियों को, जो दूसरे पद में थे, ज़करयाह, बेन, जआत्सिएल, शेमिरामोथ येहिएल, उन्नी, एलियाब, बेनाइयाह, मआसेइयाह, मत्तीथियाह, एलिफेलेहू, मिकनेइया ओबेद-एदोम और येइएल को, जो द्वारपाल थे.
संगीतकार हेमान, आसफ और एथन की जवाबदारी थी कांसे की झांझ को बजाना. ज़करयाह, आज़ेल, शेमिरामोथ, येहिएल, उन्नी, एलियाब मआसेइयाह और बेनाइयाह की जवाबदारी थी तन्तु वादन पर अलामोथ के अनुसार बजाना. किंतु मत्तीथियाह, एलिफेलेहू, मिकनेइया, ओबेद-एदोम, येइएल और अज़रियाह की जवाबदारी थी शेमिनिथ शैली में तन्तु वादन के अनुसार बजाना लेवियों का प्रधान केनानियाह सभी गानों का अधिकारी था. वह संगीत में कुशल था, इसलिये वह निर्देश दिया करता था.
बेरेखियाह और एलकाना संदूक के लिए ठहराए गए द्वारपाल थे. शेबानियाहु, योशाफत, नेथानेल, आमासाई, ज़करयाह, बेनाइयाह और एलिएज़र, ये सभी पुरोहित थे. इनकी जवाबदारी थी परमेश्वर के संदूक के सामने तुरहियां बजाना. ओबेद-एदोम और येहियाह भी संदूक के लिए ठहराए गए द्वारपाल थे.
इसलिये बहुत ही आनंद में भरकर दावीद, इस्राएल के पुरनिए और सहस्र पति ओबेद-एदोम के घर से याहवेह के संदूक को लाने के लिए गए. उन्होंने सात बछड़ों और सात मेढ़ों की बलि चढ़ाई क्योंकि याहवेह का संदूक उठानेवाले लेवियों को परमेश्वर द्वारा दी जा रही सहायता साफ़ ही थी. इस मौके पर दावीद ने उत्तम-उत्तम मलमल का बागा पहना हुआ था, जैसा कि संदूक उठानेवाले लेवियों ने और गायकों और गाने वालों को निर्देश देनेवाले केनानियाह ने भी. इसके अलावा दावीद मलमल का एफ़ोद भी पहने हुए थे. तब याहवेह की वाचा के संदूक को पूरे इस्राएल ने जय जयकार करते हुए, नरसिंगे, तुरही, झांझों और तन्तु वादनों के ऊंचे संगीत के आवाज के साथ लाया गया.
जैसे ही याहवेह की वाचा का संदूक दावीद-नगर में आया, खिड़की से शाऊल की पुत्री मीखल ने खुशी में नृत्य करते राजा दावीद को देखा और मन ही मन वह दावीद को तुच्छ मानने लगी.
शिविर में मंजूषा की प्रतिष्ठा और उसके सामने आराधना
उन्होंने परमेश्वर के संदूक को लाकर उस तंबू के भीतर, जिसे दावीद ने उसके लिए विशेष रूप से बनवाया था, उसके निर्धारित स्थान पर स्थापित कर दिया. इसके बाद दावीद ने याहवेह को अग्निबलि और मेल बलि चढ़ाई. जब दावीद अग्निबलि और मेल बलि चढ़ा चुके, उन्होंने प्रजा के लिए सेनाओं के याहवेह के नाम में आशीर्वाद दिए. उन्होंने इस्राएल के हर एक व्यक्ति को; स्त्री-पुरुष दोनों ही को, एक-एक रोटी, मांस का एक भाग और एक टिक्की किशमिश बंटवाई.
दावीद ने विशेष लेवियों को याहवेह के संदूक के सामने सेवा के लिए ठहरा दिया कि वे याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर की दोहाई दें, उनका आभार माने और उनकी स्तुति करते रहें. इनमें आसफ प्रधान था इसके बाद दूसरे वर्ग में थे ज़करयाह, येइएल16:5 येइएल यानी यासिएल, शेमिरामोथ, येहिएल, मत्तिथिया, एलियाब, बेनाइयाह, ओबेद-एदोम और येइएल. इनका काम था तन्तु वाद्यों को बजाना. आसफ ऊंची आवाज में झांझ भी बजाता था. पुरोहित बेनाइयाह और याहाज़िएल की जवाबदारी थी परमेश्वर की वाचा के संदूक के सामने लगातार तुरही बजाते रहना.
यह पहला मौका था, जब दावीद ने आसफ और उसके संबंधियों को चुना कि वे याहवेह के लिए धन्यवाद के गीत गाया करें:
याहवेह के प्रति आभार व्यक्त करो, उनको पुकारो;
सभी राष्ट्रों के सामने उनके द्वारा किए कार्यों की घोषणा करो.
उनकी प्रशंसा में गाओ, उनका गुणगान करो;
उनके सभी अद्भुत कार्यों का वर्णन करो.
उनके पवित्र नाम पर गर्व करो;
उनके हृदय, जो याहवेह के खोजी हैं, उल्लसित हों.
याहवेह और उनकी सामर्थ्य की खोज करो;
उनकी उपस्थिति के सतत खोजी बने रहो.
उनके द्वारा किए अद्भुत कार्य स्मरण रखो
तथा उनके द्वारा हुईं अद्भुत बातें एवं निर्णय भी,
उनके सेवक इस्राएल के वंश,
उनके द्वारा चुने हुए याकोब की संतान.
वह याहवेह हैं, हमारे परमेश्वर;
समस्त पृथ्वी पर उनके द्वारा किया गया न्याय स्पष्ट है.
उन्हें अपनी वाचा सदैव स्मरण रहती है,
वह आदेश जो उन्होंने हजार पीढ़ियों को दिया,
वह वाचा, जो उन्होंने अब्राहाम के साथ स्थापित की,
प्रतिज्ञा की वह शपथ, जो उन्होंने यित्सहाक से खाई थी,
जिसकी पुष्टि उन्होंने याकोब से अधिनियम स्वरूप की,
अर्थात् इस्राएल से स्थापित अमर यह वाचा:
“कनान देश तुम्हें मैं प्रदान करूंगा.
यह वह भूखण्ड है, जो तुम निज भाग में प्राप्त करोगे.”
जब परमेश्वर की प्रजा की संख्या अल्प ही थी, वे बहुत ही कम थे,
और वे उस देश में परदेशी थे,
जब वे एक देश से दूसरे देश में भटकते फिर रहे थे,
वे एक राज्य में से होकर दूसरे में यात्रा कर रहे थे,
परमेश्वर ने किसी भी राष्ट्र को उन्हें दुःखित न करने दिया;
उनकी ओर से स्वयं परमेश्वर उन राजाओं को डांटते रहे:
“मेरे अभिषिक्तों को स्पर्श तक न करना;
मेरे भविष्यवक्ताओं को कोई हानि न पहुंचे.”
सारी पृथ्वी याहवेह की स्तुति में गाए;
हर रोज़ उनके द्वारा दी गई छुड़ौती की घोषणा की जाए.
देशों में उनके प्रताप की चर्चा की जाए,
और उनके अद्भुत कामों की घोषणा हर जगह!
क्योंकि महान हैं याहवेह और सर्वाधिक योग्य हैं स्तुति के;
अनिवार्य है कि उनके ही प्रति सभी देवताओं से अधिक श्रद्धा रखी जाए.
क्योंकि अन्य जनताओं के समस्त देवता मात्र प्रतिमाएं ही हैं,
किंतु स्वर्ग मंडल के बनानेवाले याहवेह हैं.
वैभव और ऐश्वर्य उनके चारों ओर हैं,
सामर्थ्य और आनंद उनकी उपस्थिति में बसे हुए हैं.
राष्ट्रों के समस्त गोत्रो, याहवेह को पहचानो,
याहवेह को पहचानकर उनके तेज और सामर्थ्य को देखो.
याहवेह की प्रतिष्ठा के लिए उनका गुणगान करो;
उनकी उपस्थिति में भेंट लेकर जाओ.
याहवेह की वंदना पवित्रता के ऐश्वर्य में की जाए.
उनकी उपस्थिति में सारी पृथ्वी में कंपकंपी दौड़ जाए!
यह एक सत्य है कि संसार दृढ़ रूप में स्थिर हो गया है; यह हिल ही नहीं सकता.
स्वर्ग आनंदित हो और पृथ्वी मगन;
देश-देश में वह प्रचार कर दिया जाए, “यह याहवेह का शासन है.”
सागर और सभी कुछ, जो कुछ उसमें है, ऊंची आवाज करे;
खेत और जो कुछ उसमें है सब कुछ आनंदित हो.
तब बंजर भूमि के पेड़ों से याहवेह की
स्तुति में जय जयकार के गीत फूट पड़ेंगे.
क्योंकि वह पृथ्वी का न्याय करने आ रहे हैं.
याहवेह का धन्यवाद करो-वे भले हैं;
उनकी करुणा सदा की है.
तब यह दोहाई दी जाए, “हमारे उद्धार करनेवाले परमेश्वर, हमें छुड़ा लीजिए,
हमें इकट्ठा कर देशों से हमें छुड़ा लीजिए.
कि हम आपके पवित्र नाम का धन्यवाद करें
और आपकी स्तुति ही हमारा गौरव हो.”
आदि से अनंत काल तक धन्य हैं.
याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर!
इस पर सारी प्रजा ने कहा, “आमेन” और “याहवेह की स्तुति हो!”
तब दावीद ने हर दिन की आवश्यकता के अनुसार याहवेह के संदूक के सामने नियमित सेवा के लिए आसफ और उसके संबंधियों को जवाबदारी सौंप दी. इनके अलावा यही जवाबदारी ओबेद-एदोम और उसके अड़सठ रिश्तेदारों की भी थी. यदूथून का पुत्र ओबेद-एदोम भी होसाह के साथ वहां द्वारपाल था.
दावीद ने गिबयोन के पवित्र स्थान पर पुरोहित सादोक और उसके संबंधी पुरोहितों को याहवेह के मिलनवाले तंबू की सेवा के लिए ठहरा दिया, कि वे वहां होमबलि वेदी पर सुबह और शाम नियमित रूप से याहवेह को बलि चढ़ाएं, ठीक जैसा याहवेह की व्यवस्था में कहा गया है, जिसका आदेश इस्राएल को दिया गया है. इनके साथ हेमान और यदूथून भी थे और शेष वे थे जो इसके लिए अलग किए गए थे, जिन्हें उनके नाम से चुना गया था कि वे याहवेह के प्रति उनके अपार प्रेम के लिए धन्यवाद करते रहें, “जो सदा के लिए है.” हेमान और यदूथून का एक और काम भी था; तुरहियों, झांझों और अन्य वाद्य-यंत्रों पर उस समय बजाना, जब परमेश्वर के लिए गीत गाए जा रहे होते थे. यदूथून के पुत्र द्वारपाल थे.
तब सभी वहां से निकलकर अपने-अपने घर को लौट गए. दावीद भी अपने घर को चले गए, कि अपने परिवार के लोगों को आशीर्वाद दें.
दावीद के साथ परमेश्वर की वाचा
जब दावीद अपने लिए बनाए गए भवन में रहने लगे, तब उन्होंने भविष्यद्वक्ता नाथान से कहा, “देखिए, मैं तो देवदार से बने भवन में रह रहा हूं, मगर याहवेह की वाचा का संदूक सिर्फ पर्दों के अंदर रखा हुआ है.”
नाथान ने दावीद से कहा, “परमेश्वर आपके साथ हैं. आप वह सब कर सकते है, जो आपके हृदय में आ रहा है.”
उसी रात परमेश्वर का वचन नाथान को प्राप्त हुआ:
“मेरे सेवक दावीद से जाकर यह कहना, ‘याहवेह का कथन है: तुम वह नहीं हो, जो मेरे रहने के लिए भवन बनाएगा. क्योंकि इस्राएल के निकाले जाने से लेकर अब तक मैं भवन में नहीं रहा हूं. मैं एक तंबू से दूसरे तंबू में और एक निवास से दूसरे में रहता आया हूं. सारी इस्राएली प्रजा के साथ एक स्थान से दूसरे तक जाते हुए क्या मैंने इस्राएली प्रजा पर मेरे ही द्वारा चरवाहे के पद पर रखे गए किसी भी न्यायाध्यक्ष से यह पूछा है, “तुमने मेरे लिए देवदार की लकड़ी का भवन क्यों नहीं बनाया?” ’
“तब तुम्हें अब मेरे सेवक दावीद से यह कहना होगा, सेनाओं के याहवेह का वचन है, ‘मैंने ही तुम्हें चरागाह से, भेड़ों के चरवाहे के पद पर इसलिये चुना कि तुम्हें अपनी प्रजा इस्राएल का शासक बनाऊं. तुम जहां कहीं गए, मैं तुम्हारे साथ था. तुम्हारे सामने से तुम्हारे सारे शत्रुओं को मैंने मार गिराया. मैं तुम्हारे नाम को ऐसा करूंगा, जैसा पृथ्वी पर महान लोगों का होता है. अपनी प्रजा इस्राएल के लिए मैं एक जगह तय करूंगा, मैं उन्हें वहां बसाऊंगा कि वे वहां अपने ही घरों में रह सकें और उन्हें वहां से चलाया न जाए और कोई भी दुष्ट व्यक्ति उन्हें पहले के समान परेशान न करे. हां, उस समय से शुरू करके, जब मैंने अपनी प्रजा इस्राएल पर न्यायाध्यक्षों को शासक बनाया था. मैं तुम्हारे सभी शत्रुओं को दबा दूंगा.
“ ‘इसके अलावा, मैं यह घोषित कर रहा हूं, याहवेह तुम्हें एक राजवंश के रूप में बसाएंगे: जब तुम मृत्यु या पूरी उम्र में अपने पूर्वजों से जा मिलोगे, मैं तुम्हारे ही वंशज को तुम्हारे बाद खड़ा करूंगा. वह तुम्हारा ही अपना पुत्र होगा. मैं उसके राज्य को स्थिरता दूंगा. मेरे लिए भवन को वही बनाएगा. मैं उसका सिंहासन हमेशा के लिए स्थिर करूंगा. उसके लिए मैं पिता हो जाऊंगा और मेरे लिए वह पुत्र होगा. उस पर से मेरा अपार प्रेम कभी न हटेगा, जैसा मैंने तुमसे पहले के लोगों से हटा लिया था. मैं उसे हमेशा के लिए अपने घर में, अपने राज्य में प्रतिष्ठित करूंगा. उसका सिंहासन हमेशा के लिए अटल किया जाएगा.’ ”
नाथान ने अपने दर्शन और याहवेह के संदेश के अनुसार दावीद को सब कुछ बता दिया.
इसके उत्तर में दावीद की प्रार्थना
तब राजा दावीद जाकर याहवेह के सामने बैठ गए. वहां उनके हृदय से निकले वचन ये थे:
“याहवेह परमेश्वर, कौन हूं मैं, और क्या है मेरे परिवार का पद, कि आप मुझे इस जगह तक ले आए हैं? परमेश्वर आपकी दृष्टि में यह छोटा सा काम था. इतना ही नहीं, अपने-अपने सेवक के परिवार के बहुत आगे के भविष्य के बारे में भी बता दिया है. याहवेह परमेश्वर, आपने मुझे ऊंचे पद के व्यक्ति का स्थान दिया है.
“अपने सेवक को आपने जो सम्मान दिया है उसके संबंध में इसके बाद दावीद कह ही क्या सकता है? आप अपने सेवक को जानते हैं. याहवेह, आपने अपने सेवक की भलाई में और स्वयं अपने हृदय की इच्छा के अनुसार आपने ये सारे अद्भुत काम किए हैं कि इनमें आपकी महानता प्रकट हो.
“जो कुछ हमने अपने कानों से सुना है, उसके अनुसार याहवेह, कोई भी नहीं है आपके समान और न कोई ईश्वर आपके बराबर आ सका है. कौन है आपकी प्रजा इस्राएल के समान? जो पृथ्वी पर एकमात्र ऐसा देश है, जिसे अपनी प्रजा बनाने के लिए स्वयं परमेश्वर उसे छुड़ाने के लिए आगे आए. आपने जिस प्रजा को मिस्र देश से छुड़ाया था, उसके सामने से जनताओं को निकाल के, अद्भुत और भयानक कामों को दिखाकर आपने अपनी कीर्ति स्थापित की है. आपने अपने ही लिए अपनी प्रजा इस्राएल को ऐसे बनाया है कि वे सदा-सर्वदा के लिए आपकी प्रजा रहें. और, तब याहवेह, आप उनके परमेश्वर हो गए.
“अब, याहवेह, अपने सेवक और उसके परिवार के संबंध में आपने जो कुछ प्रकट किया है, हमेशा के लिए अटल हो, और आपके वचन के अनुसार ही होता रहे. इस विषय में यही कहा जाए, ‘इस्राएल के परमेश्वर, सेनाओं के याहवेह ही इस्राएल के परमेश्वर हैं!’ और आपके सेवक दावीद का परिवार आपके सामने स्थिर हो जाएगा.
“क्योंकि मेरे परमेश्वर, आपने अपने सेवक पर यह प्रकट किया है, कि आप उसके लिए घर बनाएंगे. यही कारण है कि आपके सेवक को आपके सामने प्रार्थना करने की हिम्मत मिली है. याहवेह, परमेश्वर आप हैं और आपने अपने सेवक से यह भलाई की प्रतिज्ञा की है. और अब आपकी खुशी इसमें है कि आप अपने सेवक के परिवार पर कृपादृष्टि करें, कि यह आपके सामने हमेशा अटल रहे; क्योंकि याहवेह जब आपने आशीष दी है, तो यह आशीष हमेशा के लिए ही है.”
दावीद का राज्य मजबूत होता गया
कुछ समय बाद दावीद ने फिलिस्तीनियों को युद्ध में हराया और फिलिस्तीनियों के कब्जे के गाथ और उसके आस-पास के गांव उनके अधिकार से छीन लिए.
दावीद ने मोआब देश को भी हराया और मोआब के लोग दावीद के सेवक हो गए. वे दावीद को कर देने लगे.
दावीद ने ज़ोबाह के राजा हादेदेज़र को भी हामाथ तक जाकर हराया क्योंकि हादेदेज़र फरात नदी के तट पर एक स्मारक बनाने की योजना बना रहा था. दावीद ने हादेदेज़र से 1,000 रथ, 7,000 घुड़सवार और 20,000 पैदल सैनिक छीन लिए और रथों के घोड़ों के पैंरो की प्रमुख नस काट दी, किंतु सौ रथों में इस्तेमाल के लिए पर्याप्त घोड़ों को छोड़ दिया.
जब ज़ोबाह के राजा हादेदेज़र की सहायता के लिए दमेशेक से अरामी वहां आए, दावीद ने 22,000 अरामियों को मार दिया. दावीद ने दमेशेक के अरामी सैनिकों के बीच एक रक्षक सेना ठहरा दी. अरामी दावीद के सेवक बन गए और उन्हें कर देने लगे, दावीद जहां कहीं गए, उन्हें याहवेह की सहायता मिलती रही.
हादेदेज़र के सेवकों द्वारा ले जाई गई सोने की ढालों को दावीद ने लाकर येरूशलेम में रख दिया. इसके अलावा दावीद हादेदेज़र के नगर तिभाह और कून से भारी मात्रा में कांसा ले आए, जिनसे शलोमोन ने पानी रखने के बर्तन, खंभे और दूसरे बर्तन बनाए थे.
जब हामाथ के राजा तोऊ ने यह सुना कि दावीद ने ज़ोबाह के राजा हादेदेज़र की संपूर्ण सेना को हरा दिया है, उसने अपने पुत्र हादरोम को राजा दावीद से भेंट करने के लिए भेजा, कि वह राजा को बधाई दे सके; क्योंकि दावीद ने हादेदेज़र से युद्ध कर उसे हरा दिया था. हादेदेज़र तोऊ से युद्ध करता रहा था. राजा तोऊ ने अपने पुत्र के साथ सोने, चांदी और कांसे की तरह-तरह की वस्तुएं भेजी थी.
राजा दावीद ने इन सभी वस्तुओं को उन वस्तुओं के साथ याहवेह को समर्पित कर दी, जो वह उन सभी पराजित देशों यानी एदोम, मोआब, अम्मोन के वंशजों, फिलिस्तीनियों और अमालेक से लेकर आए थे.
इसके अलावा ज़ेरुइयाह के पुत्र अबीशाई ने नमक की घाटी में 18,000 सैनिकों की एदोमी सेना को हराया. दावीद ने एदोम में गढ़ रक्षक सेना बना दी; सभी एदोमवासी दावीद के सेवक हो गए. दावीद जहां कहीं हमला करते थे, याहवेह ने उन्हें सफलता प्रदान की.
दावीद के अधिकारी वर्ग
दावीद सारे इस्राएल के शासक थे, उन्होंने अपनी सारी प्रजा के लिए न्याय और सच्चाई की व्यवस्था की थी.
ज़ेरुइयाह के पुत्र योआब सेना पर अधीक्षक था
और अहीलूद के पुत्र यहोशाफ़ात लेखापाल था;
अहीतूब के पुत्र सादोक और अबीयाथर के पुत्र अहीमेलेख पुरोहित थे और
शावसा उनका सचिव था;
यहोयादा का पुत्र बेनाइयाह केरेथि और पेलेथी नगरवासियों पर मुख्य अधिकारी बनाया गया था;
दावीद के पुत्र दावीद के साथ उच्च अधिकारी थे.
अम्मोनियों और अश्शूरियों की पराजय
अम्मोन के वंशजों के राजा नाहाश की मृत्यु के बाद उसका पुत्र उसके स्थान पर राजा हो गया. दावीद ने सोचा, “मैं नाहाश के पुत्र हानून पर अपनी दया बनाकर रखूंगा, क्योंकि उसका पिता मुझ पर कृपालु था,” इसलिये दावीद ने उसे उसके पिता की मृत्यु के संबंध में सांत्वना देने के लिए अपने दूत भेजे.
दावीद के दूत अम्मोन के वंशजों के नगर में राजा हानून को सांत्वना देने पहुंचे, किंतु अम्मोन के वंशजों के शासकों ने हानून से कहा, “क्या आप वास्तव में यह मानते हैं कि इन दूतों को आपको सांत्वना देने के लिए भेजते हुए दावीद ने आपके पिता का सम्मान करने का विचार किया है? ज़रा सोचिए, क्या उसके ये सेवक आपके पास जासूसी करके नाश करने के लक्ष्य से हमारे देश का भेद लेने तो नहीं आए हैं?” तब हानून ने दावीद के सेवकों को पकड़कर उनके बाल और दाढ़ी मूंड दी और उनके वस्त्रों को बीच में नितम्बों तक काट दिया और उन्हें लौट जाने दिया.
कुछ लोगों ने जाकर इसकी सूचना दावीद को दे दी. राजा ने कुछ दूतों को उस सुझाव के साथ बुलवा लिया, “आकर येरीख़ो में उस समय तक ठहरे रहना जब तक तुम्हारी दाढ़ी बढ़ न जाए. तब तुम यहां लौट सकते हो,” क्योंकि वे इस समय बहुत ही शर्म महसूस कर रहे थे.
जब अम्मोन के वंशजों ने यह पाया कि उन्होंने स्वयं को दावीद के सामने बहुत ही घृणित बना लिया है, हानून और अम्मोन के वंशजों ने लगभग पैंतीस हज़ार किलो चांदी देकर मेसोपोतामिया, आराम-माकाह और ज़ोबाह से घुड़सवार और रथ किराये पर ले लिए. इसके द्वारा उन्होंने 32,000 रथ किराये पर ले लिए. माकाह के राजा ने अपने सैनिकों के साथ आकर मेदेबा में शिविर डाल दिए. अम्मोन के वंशजों ने अपने नगरों से इकट्ठा होकर युद्ध के लिए मोर्चा बांधा.
जब दावीद को इसका समाचार प्राप्त हुआ, उन्होंने योआब के साथ वीर योद्धाओं की सारी सेना वहां भेज दी. अम्मोनियों ने आकर नगर फाटक पर मोर्चा बना लिया. जो राजा इस युद्ध में मिले हुए थे, वे इनसे अलग मैदान में ही ठहरे हुए थे.
जब योआब ने यह देखा कि उनके विरुद्ध युद्ध छिड़ चुका है—सामने से और पीछे से भी, उन्होंने इस्राएल के सर्वोत्तम योद्धा अलग किए और उन्हें अरामियों का सामना करने के लिए चुन दिया. शेष सैनिकों को योआब ने अपने भाई अबीशाई के नेतृत्व में छोड़ दिया कि वे अम्मोनियों का सामना करें. योआब का आदेश था, “यदि तुम्हें यह लगे कि अरामी मुझ पर हावी हो रहे हैं, तब तुम मेरी रक्षा के लिए आ जाना, मगर यदि अम्मोनी तुम पर प्रबल होने लगे, तब मैं तुम्हारी रक्षा के लिए आ जाऊंगा. साहस बनाए रखो. हम अपने परमेश्वर के नगरों के लिए और अपने देशवासियों के लिए साहस का प्रदर्शन करें, कि याहवेह वह कर सकें, जो उनकी दृष्टि में सही है.”
योआब और उनके साथ के सैनिकों ने अश्शूरियों पर हमला किया और अरामी उनके सामने से भाग खड़े हुए. जब अम्मोनियों ने यह देखा कि अरामी मैदान छोड़कर भाग रहे हैं, वे भी योआब के भाई अबीशाई के सामने से भागने लगे और नगर के भीतर जा छिपे. योआब येरूशलेम लौट गया.
जब अश्शूरियों ने यह देखा कि उन्हें इस्राएल से हार का सामना करना पड़ा है, तब उन्होंने दूत भेजकर फरात नदी के पार से और भी सेना की विनती की. हादेदेज़र की इस सेना का प्रधान था शोफख.
जब दावीद को इसकी सूचना दी गई, वह सारी इस्राएली सेना को इकट्ठा कर यरदन के पार चले गए और उन्होंने अरामी सेना के विरुद्ध मोर्चा बांधा. दोनों में युद्ध छिड़ गया. अरामी इस्राएलियों के सामने पीठ दिखाकर भागने लगे. दावीद ने अरामी सेना के 700 रथ सैनिक, 40,000 घुड़सवार मार गिराए और उनकी सेना के आदेशक शोफख का वध कर दिया.
जब हादेदेज़र के अधीन सभी जागीरदारों ने यह देखा कि वे इस्राएल द्वारा हरा दिया गया है, उन्होंने दावीद से संधि कर ली और उनके अधीन हो गए.
अब अरामी अम्मोन-वंशजो की सहायता के लिए तैयार न थे.
रब्बाह पर अधिकार किया जाना
यह घटना वसन्त के मौसम की है, जब राजा युद्ध के लिए निकल पड़ते थे. सेना की अगुवाई योआब कर रहा था. उन्होंने अम्मोन के वंशजों के देश को नाश कर दिया था. उन्होंने रब्बाह नामक नगर पर घेरा डाल दिया. मगर योआब ने रब्बाह पर हमला किया और उसे नाश कर दिया मगर इस मौके पर दावीद येरूशलेम में ही रहे. जब दावीद रब्बाह पहुंचा, तब दावीद ने उनके राजा20:2 राजा यह उनके देवता मोलेक की मूर्ति हो सकता है के सिर से मुकुट उतार लिया. इस मुकुट का कुल भार लगभग पैंतीस किलो पाया गया. इस मुकुट में रत्न भी जड़े हुए थे. यह मुकुट दावीद के सिर पर रख दिया गया. दावीद उस नगर से भारी मात्रा में लूटा हुआ सामान ले आए. दावीद उन नगरवासियों को नगर से बाहर निकाल लाए और उन्हें आरियों, गेंतियों और कुल्हाड़ियों से होनेवाले कामों में लगा दिया. दावीद ने अम्मोनियों के सभी नगरों के साथ यही किया. इसके बाद दावीद और सभी लोग येरूशलेम लौट गए.
फिलिस्तीनियों के विरुद्ध विलक्षण कार्य
इसके बाद गेज़ेर में फिलिस्तीनियों के विरुद्ध युद्ध छिड़ गया. इसमें हुशाथी सिब्बेकाई ने दैत्यों के वंशज सिप्पाई को मार गिराया, जिससे फिलिस्तीनी दावीद के अधीन हो गए.
एक बार फिर फिलिस्तीनियों से युद्ध छिड़ गया. याईर के पुत्र एलहानन ने गाथ गोलियथ के भाई लाहमी को मार डाला, लाहमी के भाले की छड़ बुनकर के छड़ के बराबर थी.
तब एक बार फिर गाथ में युद्ध छिड़ गया. वहां एक बहुत ही विशाल डीलडौल का व्यक्ति था, जिसके हाथों और पांवों में छः-छः उंगलियां थीं-पूरी चौबीस. वह भी दानवों का ही वंशज था. जब उसने इस्राएल पर व्यंग्य-बाण छोड़ने शुरू किए, दावीद के भाई शिमिया के पुत्र योनातन ने उसको मार दिया.
ये सभी गाथ नगर में दानवों का ही वंशज था. वे दावीद और उनके सेवकों द्वारा मार गिराए गए.
जनगणना के कारण महामारी
शैतान इस्राएल के विरुद्ध सक्रिय हुआ और उसने दावीद को इस्राएल की गिनती के लिए उकसाया. दावीद ने सेनापति योआब को आदेश दिया, “जाकर बेअरशेबा से लेकर दान तक इस्राएल की गिनती करो और मुझे पूरा ब्यौरा दो कि मुझे लोगों की गिनती मालूम हो सके.”
मगर योआब ने मना किया, “आज प्रजा की जो गिनती है, याहवेह उसे सौ गुणा बढ़ाएं. महाराज मेरे स्वामी, क्या उनमें से हर एक मेरे स्वामी का सेवक नहीं है? तब मेरे स्वामी को इसकी क्या ज़रूरत है? यह क्यों इस्राएल के दोष का कारण बने?”
मगर राजा को योआब की सलाह पसंद नहीं आई. इसलिये योआब इस काम के लिए निकला. वह पूरे इस्राएल में घूमा और काम पूरा कर येरूशलेम लौट आया. योआब ने दावीद को लोगों की गिनती का जोड़ सुनाया: पूरे इस्राएल में ग्यारह लाख और यहूदिया में चार लाख सत्तर हज़ार तलवार चलानेवाले व्यक्ति थे.
इनमें योआब ने लेवी और बिन्यामिन वंश की गिनती नहीं की थी क्योंकि योआब की नज़र में राजा का यह आदेश गलत था. परमेश्वर दावीद के इस काम से नाराज़ हुए. इसलिये उन्होंने इस्राएल पर वार किया.
दावीद ने परमेश्वर से कहा, “इस काम को करके मैंने घोर पाप किया है, मगर अब कृपा करके अपने सेवक का अपराध दूर कर दीजिए. यह मेरी घोर मूर्खता थी.”
याहवेह ने दावीद के दर्शी गाद को यह आदेश दिया, “जाओ और दावीद से यह कहो, ‘याहवेह का यह संदेश है, मैं तुम्हारे सामने तीन विकल्प प्रस्तुत कर रहा हूं. इनमें से तुम एक चुन लो, कि मैं उसे तुम पर इस्तेमाल कर सकूं.’ ”
तब गाद ने दावीद के सामने जाकर उनसे कहा: “यह याहवेह का संदेश है, ‘अपने लिए चुन लो: तीन साल के लिए अकाल, या तीन महीने तक तुम्हारे शत्रुओं द्वारा मार, जब उनकी तलवार नाश करती रहेगी या तीन दिन पूरे देश में याहवेह की तलवार की महामारी, जब याहवेह का दूत सारे इस्राएल देश की सीमाओं के भीतर महाविनाश करता जाएगा.’ इसलिये अब विचार कीजिए कि मैं लौटकर उन्हें क्या उत्तर दूं, जिन्होंने मुझे यहां भेजा है.”
दावीद ने गाद से कहा, “मैं घोर संकट में हूं. कृपया मुझे याहवेह के हाथ में पड़ जाने दीजिए, क्योंकि बहुत बड़ी है उनकी दया. बस, मुझे किसी मनुष्य के हाथ में न पड़ने दीजिए.”
तब याहवेह ने इस्राएल पर महामारी भेजी. इस्राएल के सत्तर हज़ार लोगों की मृत्यु हो गई. येरूशलेम के विनाश के लिए परमेश्वर ने एक स्वर्गदूत भेजा. मगर जब यह दूत येरूशलेम को नाश करने पर ही था, याहवेह ने इस पर दृष्टि की और महामारी देख वह दुःखी हो गए. उन्होंने उस विनाश करनेवाले स्वर्गदूत को आदेश दिया, “बहुत हुआ! आराम दो अपने हाथ को.” याहवेह का दूत यबूसी औरनन के खलिहान के पास खड़ा हुआ था.
दावीद ने आंखें उठाई तो देखा कि याहवेह का दूत पृथ्वी और आकाश के बीच खड़ा हुआ था. उसके हाथ में जो तलवार थी वह येरूशलेम की ओर बढ़ी हुई थी. यह देख दावीद और उनके साथ के प्राचीन, जिन्होंने टाट पहन रखी थी, मुंह के बल दंडवत हो गए.
दावीद ने परमेश्वर से विनती की, “क्या जनता की गिनती का आदेश मेरा ही न था? पाप मैंने किया है बड़ा बुरा काम हुआ है मुझसे. इन भेड़ों पर विचार कीजिए. क्या गलत किया है इन्होंने? याहवेह, मेरे परमेश्वर, दया करें-आपका हाथ मुझ पर और मेरे पिता के परिवार पर उठे, मगर आपकी प्रजा पर नहीं कि उन पर महामारी की मार हो.”
दावीद द्वारा बनाई गई वेदी
इस अवसर पर याहवेह के दूत ने गाद को आदेश दिया कि वह दावीद से कहें, कि दावीद जाकर याहवेह के लिए यबूसी औरनन के खलिहान पर एक वेदी बनाए. तब याहवेह द्वारा गाद को दिए गए आदेश के अनुसार दावीद वहां गए.
औरनन जैसे ही मुड़ा, उसे स्वर्गदूत दिखाई दिया. यह देखते ही औरनन के साथ उसके जो चार पुत्र वहां थे, छिप गए. इस समय औरनन गेहूं की दांवनी (भूसी निकालना) कर रहा था. जब दावीद औरनन के निकट पहुंचे, औरनन की दृष्टि दावीद पर पड़ी, वह खलिहान छोड़कर दावीद के सामने जा गिरा और दंडवत हो उन्हें प्रणाम किया.
दावीद ने औरनन से कहा, “मुझे यह खलिहान दे दो, कि मैं इस पर याहवेह के लिए एक वेदी बना सकूं. तुम यह मुझे इसके पूरे-पूरे मूल्य पर दे दो कि याहवेह द्वारा मेरी प्रजा पर भेजी यह महामारी शांत की जा सके.”
औरनन ने दावीद से कहा, “आप इसे ले लीजिए! महाराज, मेरे स्वामी को जो कुछ सही लगे वही करें. देखिए, मैं तो आपको होमबलि के लिए बैल, लकड़ी के लिए दंवरी का औज़ार और अन्नबलि के लिए गेहूं दिए देता हूं. यह सब आप मुझसे ले लें.”
किंतु राजा दावीद ने औरनन को उत्तर दिया, “नहीं, मैं यह सब पूरा दाम चुकता करके ही लूंगा. याहवेह को चढ़ाने के लिए जो कुछ तुम्हारा है, उसे मैं नहीं ले सकता. मैं वह होमबलि नहीं चढ़ाऊंगा, जिसका दाम मैंने चुकता नहीं किया है.”
इसलिये दावीद ने औरनन को खलिहान के लिए सात किलो सोना चुकाया. तब दावीद ने वहां याहवेह के लिए एक वेदी बनाई और उस पर होमबलि और मेल बलि भेंट की. दावीद ने याहवेह की दोहाई दी और याहवेह ने इसका उत्तर स्वर्ग से होमबलि वेदी पर आग भेजकर दिया.
याहवेह ने स्वर्गदूत को आदेश दिया और उसने तलवार को म्यान में रख लिया. उस अवसर पर, जब दावीद ने यह देखा कि याहवेह ने उन्हें यबूसी औरनन के खलिहान पर उत्तर दिया है, उन्होंने उसी स्थान पर बलि चढ़ा दी. क्योंकि बंजर भूमि में मोशेह द्वारा बनाए याहवेह के मिलनवाले तंबू और होमबलि वेदी इस समय गिबयोन के आराधना की जगह पर ही थी. दावीद परमेश्वर से पूछताछ करने उस वेदी के सामने न जा सके थे क्योंकि वह याहवेह के दूत की तलवार से बहुत ही डरे हुए थे.
तब दावीद ने कहा, “यह याहवेह परमेश्वर का भवन है और इस्राएल के लिए यही होमबलि वेदी है.”
दावीद द्वारा मंदिर निर्माण की तैयारी
दावीद ने आदेश दिया कि इस्राएल देश में बसे विदेशियों को इकट्ठा किया जाए. उन्होंने परमेश्वर के भवन बनाने के लिए पत्थरों को संवारने के लिए शिल्पी चुने. दावीद ने भारी मात्रा में लोहा तैयार किया कि इससे तरह-तरह के दरवाजों के लिए कीलें और शिकंजे तैयार किए जा सकें. उन्होंने इतना कांसा इकट्ठा कर लिया जिसे नापना-तौलना मुश्किल हो गया था. अनगिनत हो गई थी देवदार के पेड़ों की बल्लियां, क्योंकि सीदोन और सोरवासी दावीद के लिए बड़ी भारी मात्रा में देवदार की बल्लियां ले आए थे.
दावीद सोच रहे थे, “याहवेह के लिए जो भवन बनाया जाना है, उसके लिए ज़रूरी है कि वह बहुत ही भव्य होगा. वह ऐसा शोभायमान होगा कि देशों तक उसका यश पहुंच जाएगा; जबकि मेरा पुत्र शलोमोन कम उम्र का और कम अनुभव का है. इसलिये मैं इसी समय इसकी तैयारी शुरू किए देता हूं.” सो अपनी मृत्यु के पहले ही दावीद ने बड़ी मात्रा में भवन बनाने का सामान इकट्ठा कर लिया.
तब दावीद ने अपने पुत्र शलोमोन को बुलवाया और उसे याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर के सम्मान में एक भवन को बनाने की जवाबदारी सौंप दी. शलोमोन से दावीद ने कहा: “याहवेह, मेरे परमेश्वर के सम्मान में एक भवन को बनाने की योजना मेरी थी; मगर मुझे इस बारे में याहवेह का यह संदेश प्राप्त हुआ: ‘तुमने बहुतों को मारा है, तुमने बहुत सी लड़ाइयां लड़ी हैं; मेरे सम्मान में भवन को तुम नहीं बनवाओगे. मेरे देखते हुए तुमने भूमि पर बहुत खून बहाया है. तुम देखना, तुम्हें एक पुत्र पैदा होगा. वह एक शांत व्यक्ति होगा. उसे मैं उसके चारों ओर के सभी शत्रुओं से शांति दूंगा, क्योंकि उसका नाम शलोमोन22:9 शलोमोन अर्थ शांति होगा. उसके शासनकाल में मैं इस्राएल को शांति और आराम दूंगा. मेरे सम्मान में भवन को वही बनाएगा. वह मेरा पुत्र होगा और मैं उसका पिता. इस्राएल में मैं उसका राज सिंहासन हमेशा के लिए स्थाई कर दूंगा.’
“इसलिये मेरे पुत्र, याहवेह तुम्हारे साथ साथ बने रहें, कि तुम सफल हो जाओ और याहवेह, तुम्हारे परमेश्वर का भवन ठीक वैसे ही बनवाओ, जैसा उन्होंने तुम्हारे बारे में कहा है. याहवेह ही तुम्हें सूझ-बूझ, समझ और इस्राएल पर अधिकार दें कि तुम याहवेह अपने परमेश्वर की व्यवस्था का पालन कर सको. याहवेह ने मोशेह के द्वारा जो व्यवस्था और नियम दिए हैं, तुम यदि उनका पालन सावधानी से करोगे, तुम फलवंत हो जाओगे. सक्षम साबित होओ, दृढ़ बनो. तुममें न तो झिझक हो और न ही तुम्हारा मन कच्चा हो.
“तुम देख ही रहे हो कि मैंने बड़ी मेहनत से पैंतीस लाख किलो सोना, साढ़े तीन करोड़ किलो चांदी और अपार कांसा और लोहा, जिन्हें मापना असंभव है. याहवेह के भवन को बनाने के लिए तैयार कर रखा है. ये सभी बड़ी मात्रा में इकट्ठा किए गए हैं. मैंने लकड़ी और चट्टानें भी तैयार कर रखी हैं. ज़रूरत पड़ने पर तुम भी और सामान ला सकते हो. तुम्हारे लिए अनेक कर्मचारी हैं: पत्थर का काम करनेवाले शिल्पी, भवन बनानेवाले कर्मी, जो पत्थर का काम जानते हैं, लकड़ी के शिल्पी और वे सभी व्यक्ति, जो हर एक काम में निपुण हैं. सोना, चांदी, कांसा और लोहा अपार मात्रा में हैं. उठो और काम शुरू कर दो. याहवेह तुम्हारे साथ होंगे.”
दावीद ने इस्राएल के सभी अगुओं को अपने पुत्र शलोमोन की सहायता के लिए यह आदेश दिया. “आपको यह अहसास तो है, कि याहवेह आपके परमेश्वर आपके साथ हैं और उन्होंने आपको हर तरह से शांति दी है, क्योंकि उन्होंने इस देश के मूल निवासियों को मेरे अधीन कर दिया है, जिससे पूरा देश याहवेह और उनकी प्रजा के सामने दबाया जा चुका है. अब याहवेह अपने परमेश्वर की खोज करने का संकल्प पूरे हृदय और पूरे प्राण से कीजिए. इसलिये उठिए. याहवेह परमेश्वर के भवन को बनाने में जुट जाइए; कि आप याहवेह की वाचा के संदूक और परमेश्वर के पवित्र बर्तन उस भवन में ला सकें, जो याहवेह के आदर में बनाया जाने पर है.”
लेवियों के कर्तव्य
जब दावीद बूढ़े हो गए, उन्होंने अपने पुत्र शलोमोन को इस्राएल पर राजा ठहरा दिया.
उन्होंने इस्राएल के सभी अगुओं को पुरोहितों और लेवियों के साथ इकट्ठा किया. तीस साल और तीस साल से ज्यादा उम्र के लेवियों की गिनती की गई. गिनती में पुरुषों की कुल संख्या थी अड़तीस हज़ार. दावीद ने आदेश दिया, “इनमें से चौबीस हज़ार लोगों की जवाबदारी है याहवेह के भवन को बनाने के काम की अगुवाई करना, और छः हज़ार का काम है प्रशासन और न्याय करना, और चार हजार द्वारपाल, और बाकी चार हज़ार याहवेह की स्तुति जो संगीत वाद्यंत्र मैंने प्रदान किए हैं, उन पर करते रहेंगे.”
दावीद ने लेवी के वंश के अनुसार उन्हें गेरशोन, कोहाथ और मेरारी दलों में बांट दिया था.
गेरशोन के वंशज
गेरशोन के वंशजों में से थे:
लादान और शिमेई.
लादान के पुत्र थे:
जेठा येहिएल और ज़ेथम और योएल—कुल तीन.
शिमेई के पुत्र:
शेलोमोथ, हाज़ीएल और हारान—कुल तीन.
(लादान के घराने के प्रधान थे.)
शिमेई के पुत्र थे:
याहाथ, ज़िज़ा, येऊश और बेरियाह.
ये चारों शिमेई के पुत्र थे.
(याहाथ जेठा था और ज़िज़ाह छोटा; मगर येऊश और बेरियाह के बहुत पुत्र न हुए इसलिये उनकी गिनती एक ही घराने में की गई.)
कोहाथ-वंशज
कोहाथ के चार पुत्र थे:
अमराम, इज़हार, हेब्रोन और उज्ज़िएल.
अमराम के पुत्र थे:
अहरोन और मोशेह.
अहरोन को अलग रखा गया था कि वह अति पवित्र वस्तुएं चढ़ाया करें, कि वह और उनके पुत्र हमेशा याहवेह के सामने बलि चढ़ाया करें, उनकी सेवा करें और हमेशा उनके नाम में आशीर्वाद दिया करें. मगर परमेश्वर के जन मोशेह के संबंध में स्थिति यह थी कि उनके पुत्रों की गिनती लेवियों के वंश में की गई.
मोशेह के पुत्र थे:
गेरशोम और एलिएज़र.
गेरशोम का पुत्र:
शुबेल, जो प्रधान था.
एलिएज़र का पुत्र था:
रेहाबिया, जो प्रधान था.
(एलिएज़र की दूसरी कोई संतान न थी; हां, रेहाबिया की अनेक संतान पैदा हुई.)
इज़हार का पुत्र था:
शेलोमीथ, जो प्रधान था.
हेब्रोन के पुत्र थे,
पहला येरिया, दूसरा अमरियाह,
तीसरा याहाज़िएल और चौथा येकामियम.
उज्ज़िएल के पुत्र थे:
पहला मीकाह और दूसरा इश्शियाह.
मेरारी-वंशज
मेरारी के पुत्र थे:
माहली और मूशी.
माहली के पुत्र थे:
एलिएज़र और कीश.
(एलिएज़र की मृत्यु बिना किसी पुत्र के हो गई. हां, उसके पुत्रियां ज़रूर हुईं. इसलिये उनके रिश्तेदारों यानी कीश के पुत्रों ने उनसे विवाह कर लिया.)
मूशी के तीन पुत्र हुए:
माहली, एदर और येरेमोथ.
कुलों के लेखों के अनुसार लेवी के पुत्र इस प्रकार थे—ये उन घरानों के प्रधान थे, जिनके नाम गिनती में लिखे गए थे, जिनका काम था याहवेह के भवन में सेवा करना. इनकी उम्र बीस साल और इससे ऊपर की होती थी. दावीद का विचार था, “याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर ने अपनी प्रजा को सुरक्षा और शांति दी है. अब हमेशा के लिए उनका रहना येरूशलेम में हो गया है. यह भी सच है कि अब वह स्थिति नहीं आएगी, जब लेवियों को मिलनवाले तंबू और इसमें की जा रही सेवा से संबंधित बर्तन इधर-उधर करने होंगे.” क्योंकि दावीद के पिछले आदेश के अनुसार बीस साल और इससे ऊपर के लेवियों का नाम लिखा गया था.
उनका काम था अहरोन के पुत्रों की याहवेह के भवन के विभिन्न कामों में सहायता करना. आंगन की देखरेख में, कमरों की देखरेख में, पवित्र बर्तनों और वस्तुओं की साफ़-सफाई का ध्यान रखने में और परमेश्वर के भवन से संबंधित विभिन्न कामों में उनकी सहायता करना. इनके अलावा उनकी जवाबदारी भेंट की रोटियों, अन्नबलि के मैदे, खमीर रहित पपड़ियां, गोल रोटी की टिकियां, इन सबका विशेष ध्यान रखना, सबको तोलना और मिश्रण तैयार करना. उनका काम था कि वे सुबह और शाम खड़े रहकर याहवेह को धन्यवाद देते हुए उनकी स्तुति करें, याहवेह को शब्बाथों, नए चांद उत्सवों और सम्मेलनों में इनके बारे में दिए गए आदेशों के अनुसार लगातार होमबलि चढ़ाते रहना.
इस प्रकार याहवेह के भवन की सेवा के लिए उनकी जवाबदारी थी, मिलनवाले तंबू, पवित्र स्थान और उनके संबंधी अहरोन के पुत्रों की अगुवाई.
पुरोहितों के दलों में विभाजन
अहरोन-वंशजों के समूह ये थे:
अहरोन के पुत्र थे नादाब, अबीहू, एलिएज़र और इथामार. मगर नादाब और अबीहू की मृत्यु उनके पिता के देखते-देखते हो गई थी. उनके कोई संतान भी न थी. फलस्वरूप एलिएज़र और इथामार ने पौरोहितिक कार्यभार अपने ऊपर ले लिया. एलिएज़र वंशज सादोक और इथामार-वंशज अहीमेलेख के साथ मिलकर दावीद ने सेवा के लिए उनके पदों के अनुसार उनके समूहों को बांट दिया. इसलिये कि एलिएज़र-वंशजों में इथामार-वंशजों से संख्या में ज्यादा मुख्य पाए गए, उनका बंटवारा इस प्रकार किया गया: एलिएज़र-वंशजों में सोलह और इथामार-वंशजों में आठ मुख्य पाए गए, ये दोनों ही उनके घरानों के अनुसार थे. पासा फेंकने की प्रथा के द्वारा इन सभी का बंटवारा किया गया था; बिना किसी भेद-भाव के सभी का, क्योंकि वे मंदिर के, हां, परमेश्वर के लिए चुने गए अधिकारी थे. ये दोनों ही एलिएज़र और इथामार-वंशज थे.
लेवियों में से नेथानेल के पुत्र शेमायाह ने राजा, शासकों, पुरोहित सादोक, अबीयाथर के पुत्र अहीमेलेख और पुरोहितों के घरानों और लेवियों के सामने इन्हें लिख लिया. एक घराना एलिएज़र के लिए और एक घराना इथामार के लिए लिखा गया.
इस प्रक्रिया से पहला पासा यहोइयारिब के लिए,
दूसरा येदाइयाह के लिए,
तीसरा हारिम के लिए,
चौथा सेओरिम के लिए,
पांचवां मालाखियाह के लिए,
छठा मियामिन के लिए,
सातवां हक्कोज़ के लिए,
आठवां अबीयाह के लिए,
नवां येशुआ के लिए,
दसवां शेकानियाह के लिए,
ग्यारहवां एलियाशिब के लिए,
बारहवां याकिम के लिए,
तेरहवां हुप्पाह के लिए,
चौदहवां येशेबियाब के लिए,
पन्द्रहवां बिलगाह के लिए,
सोलहवां इम्मर के लिए,
सत्रहवां हेज़ीर के लिए,
अठारहवां हापीज़ीज़ के लिए,
उन्नीसवां पेथाइयाह के लिए,
बीसवां यहेजकेल के लिए,
इक्कीसवां याकिन के लिए,
बाईसवां गामुल के लिए,
तेईसवां देलाइयाह के लिए
और चौबीसवां माजियाह के लिए निकला.
जब ये अपने पूर्वज अहरोन द्वारा दिए गए आदेश के अनुसार याहवेह के भवन में आए, उन्हें सेवा के लिए ये ही पद सौंपे गए थे-ठीक जैसा आदेश उन्हें याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर ने दिया था.
लेवियों के मंडल
इनके अलावा लेवी के अन्य वंशजों का लेखा इस प्रकार है:
अमराम के पुत्रों में से शेबुएल;
शेबुएल के पुत्रों में से येहदेइया.
रेहाबिया के पुत्रों में से इश्शियाह, जो जेठा भी था.
इज़हारियों के वंशजों में से शेलोमोथ;
शेलोमोथ के वंशजों में से याहाथ.
हेब्रोन के पुत्र थे येरिया:
जो जेठा भी था, अमरियाह छोटा था, याहाज़िएल तीसरा और येकामियम चौथा.
उज्ज़िएल के पुत्रों में से मीकाह;
मीकाह के पुत्रों में से शामीर.
मीकाह का भाई था इश्शियाह;
इश्शियाह के पुत्रों में से ज़करयाह.
मेरारी के पुत्र माहली और मूशी;
यआत्सियाह का पुत्र बेनो,
मेरारी के पुत्र:
बेनो, शोहाम, ज़क्कूर और इबरी, जो यआत्सियाह से थे.
माहली से एलिएज़र, जिसके कोई संतान न हुई.
कीश से कीश के पुत्र थे: येराहमील.
मूशी के पुत्र माहली एदर और येरीमोथ.
ये सभी लेवियों के वंशज थे, जैसा उनके घराने द्वारा स्पष्ट है.
ठीक अपने संबंधियों, अहरोन-वंशजों के समान, उन्होंने भी राजा दावीद, सादोक, अहीमेलेख, लेवियों और पुरोहितों के घरानों के प्रधानों के सामने अपने पासे फेंके. ये सभी घरानों के प्रधान भी थे और उनके छोटे भाइयों के कुल के भी.
संगीतकारों के वर्ग
दावीद और सेनापतियों ने मिलकर आसफ, हेमान और यदूथून के पुत्रों को अलग कर दिया कि जब वे नेबेल और किन्नोर नामक वाद्य यंत्र और झांझ बजाएं, वे भविष्यवाणी किया करें. जिन्हें इस सेवा की जवाबदारी सौंपी गई थी, उनकी सूची इस प्रकार है.
आसफ के पुत्रों में से:
ज़क्कूर, योसेफ़, नेथनियाह और आषारेलाह. आसफ के पुत्र खुद आसफ की अगुवाई में सेवा करते थे, आसफ राजा के आदेश पर भविष्यवाणी करते थे.
यदूथून-वंशज:
यदूथून के वंशज थे गेदालियाह, ज़ेरी, येशाइयाह, शिमेई, हशाबियाह और मत्तीथियाह, ये छः अपने पिता यदूथून के साथ किन्नोर वाद्य यंत्र के संगीत में याहवेह की स्तुति करते, उनके प्रति धन्यवाद प्रकट करते और भविष्यवाणी करते थे.
हेमान वंशज:
हेमान के पुत्र थे बुक्कियाह, मत्तनियाह, उज्ज़िएल, शुबेल और येरीमोथ, हननियाह, हनानी, एलियाथाह, गिद्दालती और रोमामती-एत्सर, योषबेकाषाह, मल्लोथी, होथीर, माहाज़ीयोथ. (ये सभी राजा के दर्शी हेमान के पुत्र थे. इनकी जवाबदारी थी परमेश्वर के आदेश के अनुसार उनकी स्तुति करते रहना; क्योंकि परमेश्वर ने हेमान को चौदह पुत्र और तीन पुत्रियां दी थी.)
ये सभी याहवेह के भवन में उनके पिता की ही अगुवाई में, परमेश्वर के भवन की आराधना में झांझों, नेबेलों और किन्नोरों के संगीत पर गाने के लिए चुने गये थे.
आसफ, यदूथून और हेमान राजा के सामने उनकी अगुवाई में काम करते थे. सभी कुशल संगीतकारों और याहवेह के लिए गाने के लिए निपुण गायकों की, उनके संबंधियों के साथ कुल संख्या 288 थी. इन सभी ने अपनी ज़िम्मेदारियों का ज़िम्मा लेने के उद्देश्य से पासे फेंके-सभी ने, चाहे खास हो या सामान्य, शिक्षक हो या विद्यार्थी.
पहला संकेत आसफ से योसेफ़ के लिए था, |
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उसके पुत्र और संबंधी, |
कुल 12 व्यक्ति, |
दूसरा गेदालियाह, |
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उसके पुत्र और संबंधी, |
कुल 12 व्यक्ति, |
तीसरे में ज़क्कूर, |
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उसके पुत्र और संबंधी, |
कुल 12 व्यक्ति, |
चौथे में इज़री, |
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उसके पुत्र और संबंधी, |
कुल 12 व्यक्ति, |
पांचवें में नेथनियाह, |
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उसके पुत्र और संबंधी, |
कुल 12 व्यक्ति, |
छठवें में बुक्कियाह, |
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उसके पुत्र और संबंधी, |
कुल 12 व्यक्ति, |
सातवें में येशारेलाह, |
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उसके पुत्र और संबंधी, |
कुल 12 व्यक्ति, |
आठवें में येशाइयाह, |
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उसके पुत्र और संबंधी, |
कुल 12 व्यक्ति, |
नवें में मत्तनियाह, |
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उसके पुत्र और संबंधी, |
कुल 12 व्यक्ति, |
दसवें में शिमेई, |
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उसके पुत्र और संबंधी, |
कुल 12 व्यक्ति, |
ग्यारहवें में अज़रेल, |
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उसके पुत्र और संबंधी, |
कुल 12 व्यक्ति, |
बारहवें में हशाबियाह, |
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उसके पुत्र और संबंधी, |
कुल 12 व्यक्ति, |
तेरहवें में शेबुएल, |
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उसके पुत्र और संबंधी, |
कुल 12 व्यक्ति, |
चौदहवें में मत्तीथियाह, |
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उसके पुत्र और संबंधी, |
कुल 12 व्यक्ति, |
पन्द्रहवें में येरेमोथ, |
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उसके पुत्र और संबंधी, |
कुल 12 व्यक्ति, |
सोलहवें में हनानियाह, |
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उसके पुत्र और संबंधी, |
कुल 12 व्यक्ति, |
सत्रहवें में योषबेकाषाह, |
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उसके पुत्र और संबंधी, |
कुल 12 व्यक्ति, |
अठारहवें में हनानी, |
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उसके पुत्र और संबंधी, |
कुल 12 व्यक्ति, |
उन्नीसवें में मल्लोथी, |
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उसके पुत्र और संबंधी, |
कुल 12 व्यक्ति, |
बीसवें में एलियाथाह, |
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उसके पुत्र और संबंधी, |
कुल 12 व्यक्ति, |
इक्कीसवें में होथीर, |
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उसके पुत्र और संबंधी, |
कुल 12 व्यक्ति, |
बाईसवें में गिद्दालती, |
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उसके पुत्र और संबंधी, |
कुल 12 व्यक्ति, |
तेईसवें में माहाज़ीयोथ, |
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उसके पुत्र और संबंधी, |
कुल 12 व्यक्ति, |
चोबीसवें में रोमामती-एत्सर, |
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उसके पुत्र और संबंधी, |
कुल 12 व्यक्ति. |
द्वारपालों के दल
द्वारपालों के लिए विभाजन इस प्रकार किया गया:
कोहाथ के वंश से:
आसफ के परिवार में से कोरे का पुत्र मेषेलेमियाह. मेषेलेमियाह के पुत्र:
जेठा पुत्र ज़करयाह, दूसरा पुत्र येदिआएल,
तीसरा ज़ेबादिया, चौथा याथनिएल,
पांचवा एलाम, छठवां येहोहानन
और सातवां एलीहोएनाई.
ओबेद-एदोम के पुत्र:
जेठा पुत्र शेमायाह, दूसरा योज़ाबाद,
तीसरा योआह, चौथा साकार,
पांचवा नेथानेल, छठवां अम्मिएल,
सातवां इस्साखार और आठवां पेउल्लेथाई
(सत्य तो यह है कि ओबेद-एदोम पर परमेश्वर की विशेष कृपादृष्टि थी.)
उसके पुत्र शेमायाह के भी पुत्र हुए, जो अपने-अपने परिवारों के प्रधान थे, क्योंकि उनमें अद्भुत प्रतिभा थी. शेमायाह के पुत्र:
ओथनी, रेफ़ाएल और एलज़ाबाद;
उसके संबंधी एलिहू और सेमाकियाह भी अद्भुत क्षमता के व्यक्ति थे.
ये सभी ओबेद-एदोम के वंशज थे. वे, उनके पुत्र और संबंधी सम्माननीय व्यक्ति थे. वे अपनी ज़िम्मेदारियों को निभाने में समर्थ थे. ये बासठ व्यक्ति थे, जो ओबेद-एदोम से संबंधित थे,
मेषेलेमियाह के पुत्र और संबंधी थे—अठारह वीर योद्धा.
मेरारी के एक वंशज,
होसाह, के पुत्र थे जेठा शिमरी, (जो वास्तव में जेठा नहीं था किंतु उसके पिता ने उसे यह पद दिया था),
दूसरा पुत्र था हिलकियाह, तीसरा तेबालियाह
और चौथा त्सेरवरियाह.
होसाह के पुत्रों और संबंधियों की कुल संख्या तेरह थी.
द्वारपालों के इन दलों को उनके अगुओं की अगुवाई में उन्हीं के संबंधियों के समान याहवेह के भवन में सेवा की जवाबदारी सौंपी गई थी. हर एक परिवार ने, चाहे वह छोटा था या बड़ा, पासा फेंकने की प्रक्रिया द्वारा यह मालूम किया कि उन्हें किस द्वार पर सेवा करनी होगी.
पासे के द्वारा पूर्वी द्वार की जवाबदारी शेलेमियाह को सौंपी गई.
तब उसके पुत्र ज़करयाह लिए पासा फेंका गया. वह बुद्धिमान सलाहकार था. पासा फेंकने से मिले निर्णय के अनुसार उसे उत्तरी द्वार पर रखा गया.
ओबेद-एदोम के लिए पासे का निर्णय दक्षिण द्वार के लिए पड़ा. उसके पुत्रों को भंडार घर के लिए चुना गया.
शुप्पिम और होसाह को पश्चिमी द्वार के लिए चुना गया; इसके अलावा चढ़ाई के मार्ग के शल्लेकेथ.
द्वार के लिए भी द्वारपालों का काम पहरेदारों के समान था:
पूर्व में हर रोज़ छः लेवी ठहराए जाते थे,
उत्तर में हर रोज़ चार,
दक्षिण में हर रोज़ चार
और हर एक भंडार घर पर दो-दो.
पश्चिम ओसारे के लिए चार पहरेदार मार्ग की ओर और दो ओसारे के लिए चुने गए थे.
द्वारपालों का यह बंटवारा कोराह-वंशजों और मेरारी के पुत्रों के बीच किया गया था.
खजांची और दूसरे अधिकारी
अहीयाह के नेतृत्व में लेवी वंशज और उनके संबंधी परमेश्वर के भवन के खजाने और चढ़ाई गई वस्तुओं के खजाने के अधिकारी थे.
लादान-वंशज, जो वस्तुतः गेरशोन से लादान-वंशज थे, गरशोनी लादान के घराने के प्रधान थे, जिनमें येहिएली भी शामिल थे, येहिएली का पुत्र ज़ेथम और उसका भाई योएल याहवेह के भवन के खजाने के अधिकारी थे.
अमरामियों, इज़हारियों, हेब्रोनियों और उत्सिएलियों पर,
मोशेह का पोता, गेरशोम का पुत्र शुबेल प्रमुख ख़ज़ाना-अधिकारी था. एलिएज़र के ओर से उसके संबंधी रेहाबिया, उसका पुत्र येशाइयाह, उसका पुत्र योराम, उसका पुत्र ज़ीकरी और उसका पुत्र शेलोमोथ थे.
(शेलोमोथ और उसके संबंधी उन सभी खजानों के अधिकारी थे, जिसमें चढ़ाई गई भेंटें इकट्ठा थी, जो राजा दावीद, घराने के प्रधानों, सहस्र पतियों और शतपतियों, सैन्य अधिकारियों द्वारा चढ़ाई गई थी. इन्होंने इसमें याहवेह के मंदिर के रख रखाव के उद्देश्य से युद्ध में लूटी हुई सामग्री का भाग बचाकर रखा था. शेलोमोथ और उसका परिवार उन सभी वस्तुओं का अधिकारी था जो मंदिर में इस्तेमाल के लिए चढ़ाई जाती थी. इनमें वे भेंट भी शामिल थी, जो भविष्यद्वक्ता शमुएल, राजा शाऊल, नेर के पुत्र अबनेर और ज़ेरुइयाह के पुत्र योआब द्वारा चढ़ाई गई थी.)
इज़हारियों के बारे में:
केनानियाह और उसके पुत्रों को मंदिर के बाहर इस्राएल के प्रशासकों और न्यायाध्यक्षों के काम का भार सौंपा गया था.
हेब्रोनियों के विषय में:
हशाबियाह और उसके 1,700 सम्मान्य संबंधियों को यरदन के पश्चिमी ओर बसे इस्राएलियों की जवाबदारी सौंपी गई. वे राजा की सेवा में रहते हुए याहवेह के लिए काम करते थे. हेब्रोनियों के विषय में यह भी सच है कि वंशावली की लेख के अनुसार येरिया हेब्रोन-वंशजों का अगुआ था.
(दावीद के शासनकाल के चालीसवें साल में उन्होंने वंशावली के लेखों की जांच की और यह पाया कि गिलआद के याज़र नगर में बहुत सम्मान योग्य व्यक्ति बसे हुए हैं. येरिया के 2,700 संबंधी थे, जो परिवारों के सम्मान योग्य प्रधान थे. राजा दावीद ने इन्हें रियूबेन वंशजों, गाद-वंशजों और मनश्शेह के आधे गोत्र पर अधिकारी ठहरा दिया. इनका काम था परमेश्वर और राजा से संबंधित सभी विषयों का ध्यान रखना.)
सैन्य के अधिकारी
नीचे दी गई सूची इस्राएली परिवारों के प्रधानों और सहस्रपति और शतपति, सेनापतियों की और उनकी भी है, जो राजा की सेवा उनसे संबंधित सभी विषयों में करते रहते थे. हर एक टुकड़ी से यह उम्मीद की जाती थी कि साल में एक महीने सेवा करे. हर एक टुकड़ी की संख्या थी 24,000.
ज़ाबदिएल का पुत्र यासोबअम पहली टुकड़ी का अधिकारी था, जिसे पहले महीने में सेवा की जवाबदारी सौंपी गई थी. उसकी टुकड़ी में 24,000 सैनिक थे. वह पेरेज़ का वंशज था. वह पहले महीने में सभी सैन्य अधिकारियों का प्रमुख था.
अहोही दोदाई दूसरे महीने के लिए ठहराई गई टुकड़ी का अधिकारी था; मिकलोथ उनका प्रमुख अधिकारी था. इस टुकड़ी में 24,000 सैनिक थे.
तीसरे महीने के लिए ठहराई गई टुकड़ी का अधिकारी था यहोयादा का पुत्र बेनाइयाह. इस टुकड़ी में 24,000 सैनिक थे. यह वही बेनाइयाह था जो तीस वीरों में से एक वीर सैनिक था. उसके बाद उसका पुत्र अम्मीज़ाबाद इस समूह के सेनापति के रूप में चुना गया.
चौथे महीने, योआब का भाई आसाहेल. उसके बाद उसका पुत्र ज़ेबादिया सेनापति बना. इस टुकड़ी में 24,000 सैनिक थे.
पांचवें महीने, इज़हार का वंशज समहूथ. इस टुकड़ी में 24,000 सैनिक थे.
छठे महीने, तकोआवासी इक्केश का पुत्र ईरा. इस टुकड़ी में 24,000 सैनिक थे.
सातवें महीने, पेलोन नगर से एफ्राईमवासी हेलेस, इस टुकड़ी में 24,000 सैनिक थे.
आठवें महीने, हुशाथी नगर का सिब्बेकाई. वह यहूदाह गोत्र के ज़ेरा वंश का सदस्य था. इस टुकड़ी में 24,000 सैनिक थे.
नवें महीने, बिन्यामिन गोत्र के क्षेत्र के अनाथोथ नगर से अबीएज़ेर. इस टुकड़ी में 24,000 सैनिक थे.
दसवें महीने, नेतोफ़ा नगर से माहाराई इस टुकड़ी में 24,000 सैनिक थे.
ग्यारहवें महीने, एफ्राईम गोत्र के प्रदेश के पिराथोन नगर का बेनाइयाह. इस टुकड़ी में 24,000 सैनिक थे.
बारहवें महीने, नेतोफ़ा से हेल्दाई, जो ओथनीएल का वंशज था. इस टुकड़ी में 24,000 सैनिक थे.
कुलों का प्रबंधन
इस्राएल के गोत्रों का प्रबंधन:
रियूबेन: ज़ीकरी का पुत्र एलिएज़र;
शिमओन: माकाह का पुत्र शेपाथियाह;
लेवी: केमुएल का पुत्र हशाबियाह;
अहरोन: ज़ादोक;
यहूदाह: राजा दावीद का एक भाई एलिहू;
इस्साखार: मिखाएल का पुत्र ओमरी;
ज़ेबुलून: ओबदयाह का पुत्र इशमाइया;
नफताली: अज़रिएल का पुत्र येरीमोथ;
एफ्राईम: अज़रियाह का पुत्र होशिया;
पश्चिमी मनश्शेह: पेदाइयाह का पुत्र योएल;
पूर्वी (गिलआद) मनश्शेह: ज़करयाह का पुत्र इद्दो;
बिन्यामिन: अबनेर का पुत्र यआसिएल;
दान: येरोहाम का पुत्र अज़रेल.
ये थे इस्राएल के गोत्रों के प्रमुख.
दावीद ने याहवेह की उस प्रतिज्ञा को याद करके, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह इस्राएल को आकाश के तारों के समान अनगिनत बना देंगे, गिनती में उन्हें शामिल नहीं किया था, जिनकी उम्र बीस साल या इससे कम थी. ज़ेरुइयाह के पुत्र योआब ने उन्हें शामिल करना शुरू किया ही था, मगर इसे पूरा नहीं किया. फिर भी इसके लिए इस्राएल परमेश्वर के क्रोध का शिकार बन गया. वास्तविक गिनती राजा दावीद के इतिहास की पुस्तक में शामिल न की जा सकी.
विभिन्न पर्यवेक्षक
आदिएल का पुत्र अज़मावेथ राजा के राज भंड़ारों का अधीक्षक था.
उज्जियाह का पुत्र योनातन छोटे नगरों के भंड़ारों, गांवों, खेतों और मीनारों का अधीक्षक था.
केलुब का पुत्र एज़री कृषि—मजदूरों का अधीक्षक था.
रामाह का शिमेई अंगूर के खेतों का अधीक्षक था.
शेफ़ामवासी ज़ब्दी अंगूर के खेतों से आनेवाली दाखमधु की देखभाल और भंड़ारण करने का अधीक्षक था.
गेदेर का बाल-हनन पश्चिमी पहाड़ी प्रदेश में जैतून और देवदार वृक्षों का अधीक्षक था.
योआश जैतून के तेल के भंडारण का अधीक्षक था.
शारोन का शितराई शारोन क्षेत्र में पशुओं का अधीक्षक था.
अदलाई का पुत्र शाफात घाटियों में पशुओं का अधीक्षक था.
इशमाएली व्यक्ति ओबिल ऊंटों का अधीक्षक था.
मेरोनोथ का येहदेइया गधों का अधीक्षक था.
हग्रियों नगरवासी याज़ीज़ भेड़-बकरियों का अधीक्षक था.
ये ही सब थे राजा दावीद के धन-संपत्ति के अधिकारी.
दावीद के चाचा योनातन उनके सलाहकार थे. उनमें सूझ-बूझ थी, वह लेखक भी थे.
उनके अलावा हकमोनी का पुत्र येहिएल राजपुत्रों का शिक्षक था.
अहीतोफ़ेल राजा का सलाहकार था.
अर्की हुशाई राजा का सलाहकार मित्र था.
(बेनाइयाह का पुत्र यहोयादा और अबीयाथर अहीतोफ़ेल के बाद उनकी जगह पर सलाहकार हुए.)
योआब राजा की सेना का सेनापति था.
मंदिर के संबंध में दावीद का संबोधन
दावीद ने इस्राएल के सभी अधिकारियों, गोत्रों के प्रशासकों और राजकीय सेवा में लगी सेना की टुकड़ियों के हाकिमों और हज़ार सैनिकों के सेनापतियों, सौ सैनिकों के सेनापतियों, खजाने और राजा और उनके पुत्रों के पशुओं के अगुओं को, राजमहल के अधिकारियों, वीर योद्धाओं और बहुत अनुभवी योद्धाओं के साथ येरूशलेम में आमंत्रित किया.
राजा दावीद ने इन सबके सामने खड़े होकर उन्हें संबोधित कर कहा: “मेरे भाइयो और मेरी प्रजा, मेरी बातें ध्यान से सुनो; यह मेरी इच्छा थी कि मैं याहवेह की वाचा का संदूक और हमारे परमेश्वर के पैरों की चौकी के लिए एक स्थिर घर को बनाऊं. इसी उद्देश्य से मैंने भवन बनाने की तैयारी कर ली. मगर परमेश्वर ने मुझसे कहा, ‘मेरे आदर में भवन को तुम नहीं बनवाओगे क्योंकि तुम एक योद्धा हो, तुमने बहुत लहू बहाया है.’
“फिर भी याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर ने मेरे पिता के पूरे परिवार में से मुझे इस्राएल के सदाकाल के राजा के पद पर बैठाना सही समझा. यह इसलिये कि उन्होंने ही यहूदाह गोत्र को अगुआ बनाने के लिए चुना और यहूदाह गोत्र में से मेरे पिता के परिवार को और मेरे पिता के पुत्रों में से पूरे इस्राएल का राजा मुझे बनाने में उनकी खुशी थी. याहवेह ने मुझे बहुत पुत्र दिए हैं. उन्होंने मेरे पुत्र शलोमोन को इस्राएल के ऊपर याहवेह के साम्राज्य के सिंहासन पर बैठने के लिए चुना है. याहवेह ने मुझसे कहा, ‘तुम्हारा पुत्र शलोमोन ही वह है जो मेरे भवन और मेरे आंगनों को बनाएगा; क्योंकि मैंने यही सही समझा है कि वह मेरे लिए पुत्र हो और मैं उसका पिता हो जाऊंगा. अगर वह हमेशा मेरे आदेशों और नियमों का पालन करता रहे, जैसा कि वह इस समय कर ही रहा है, मैं उसके राज्य को हमेशा के लिए स्थिर कर दूंगा.’
“इसलिये अब, सारे इस्राएल के सामने, जो याहवेह की सभा है और हमारे परमेश्वर के सामने याहवेह तुम्हारे परमेश्वर के सभी आदेशों का यत्न से पालन करो कि इस समृद्ध भूमि पर तुम अधिकारी बने रहो और तुम अपने बाद हमेशा के लिए अपने बच्चों को सौंपते जाओ.
“और तुम, मेरे शलोमोन, अपने पिता के परमेश्वर का ज्ञान प्राप्त करो, सच्चे हृदय और तैयार मन से उनकी सेवा करो क्योंकि याहवेह हर एक हृदय को जांचते रहते हैं और मन के हर एक विचारों को समझते हैं. यदि तुम उन्हें खोजोगे तो उन्हें पाओगे, अगर तुम उनको छोड़ दोगे, वह हमेशा के लिए तुम्हें अकेला छोड़ देंगे. अब सावधान हो जाओ, क्योंकि याहवेह ने तुम्हें मंदिर के भवन को बनाने के लिए चुना है. दृढ़ निश्चय के साथ इस काम को पूरा करो.”
इसके बाद दावीद ने शलोमोन को मंदिर के भीतरी हिस्सों, इसके भवनों, इसके भंडार घरों, इसके ऊपरी कमरों, इसके भीतरी कमरों, और करुणासन28:11 करुणासन संदूक का ढकना जिसे मूल भाषा में प्रायश्चित का ढकना अर्थात् पापों को ढांपने का स्थान कहलाता था के कमरे का नमूना सौंप दिया. इसके अलावा वह सारा नमूना भी जो उनके मन में याहवेह के भवन के आंगन, आस-पास के कमरों, परमेश्वर के भवन के भंडार घरों और भेंट की हुई वस्तुओं के भंडार घरों के संबंध में था. साथ ही वह नमूना भी, जो पुरोहितों और लेवियों के समूहों और याहवेह के भवन के सभी सेवा के कामों से संबंधित थी और याहवेह के भवन में इस्तेमाल होनेवाली सेवा से संबंधित पात्रों के बारे में. दावीद ने हर एक प्रकार की आराधना में इस्तेमाल होनेवाले सारे सोने के बर्तनों के लिए सोने की मात्रा तय की. इसी प्रकार हर एक तरह की आराधना में इस्तेमाल होनेवाले सभी चांदी के बर्तनों की भी मात्रा तय की: इसके बाद दावीद ने यह भी तय किया कि दीप घरों और उनके दीवटों में कितने सोने की ज़रूरत होगी, इसी प्रकार चांदी के दीप घरों और उनके दीपकों में कितनी चांदी की ज़रूरत होगी. इनकी यह मात्रा आराधना में हर एक दीपक के इस्तेमाल के आधार पर तय की गई थी; दावीद ने निम्न लिखित वस्तुओं में इस्तेमाल किए जानेवाले सोने और चांदी की मात्रा तय की: भेंट की रोटी के मेजों के लिए सोना और चांदी की मेजों के लिए ज़रूरी चांदी; कांटों, कटोरों और प्यालों के लिए चोखा सोना, सोने की कटोरियों के लिए ज़रूरी सोना; चांदी की कटोरियों के लिए ज़रूरी चांदी; तब चोखे सोने से बनाने के लिए ठहराई गई धूप की वेदी के लिए चोखा सोना और रथ के नमूने के लिए सोना और उन करूबों के लिए सोना जो याहवेह की वाचा के संदूक को अपने फैले हुए पंखों से ढांपे हुए हैं, सोने की मात्रा तय कर दी.
दावीद ने शलोमोन से कहा, “यह सब याहवेह के निर्देश के अनुसार इस नमूने का हर एक बारीक़ विवरण के रूप में लिखा है. मुझ पर याहवेह का हाथ बना रहा है.”
दावीद ने शलोमोन से आगे कहा, “दृढ़ हो जाओ, हिम्मत बनाए रखो और काम में लग जाओ. न तो तुम डरना और न निराश होना, क्योंकि याहवेह परमेश्वर, जो मेरे परमेश्वर हैं, तुम्हारे साथ हैं. वह न तो तुम्हें निराश करेंगे, न तुम्हें त्यागेंगे; जब तक याहवेह के भवन के बनने का काम पूरा न हो जाए. यह ध्यान रहे कि परमेश्वर के भवन में सभी आराधनाओं को चलाने के लिए पुरोहितों और लेवियों के समूह हैं. तुम्हें किसी भी काम के लिए अपनी इच्छा अनुसार अपना कौशल इस्तेमाल करने के लिए कारीगर उपलब्ध हैं. अधिकारी भी सभी लोगों के साथ तुम्हारे आदेश को पूरा करने के लिए तैयार हैं.”
मंदिर के लिए भेंटें
सारी सभा को राजा दावीद ने कहा: “मेरा पुत्र शलोमोन, जो सिर्फ परमेश्वर द्वारा ही चुना गया है, इस समय कम उम्र और कम अनुभव का है, जबकि यह एक बड़ा काम है, क्योंकि यह मंदिर किसी इंसान का नहीं, याहवेह परमेश्वर के आदर में बनाया जा रहा है. मैं अपनी शक्ति भर कोशिश कर मेरे परमेश्वर याहवेह के भवन के लिए सोने की वस्तुओं के लिए सोना, चांदी की वस्तुओं के लिए चांदी, कांसे की वस्तुओं के लिए कांसा, लोहे की वस्तुओं के लिए लोहा और लकड़ी की वस्तुओं के लिए लकड़ी इकट्ठा कर लिया है. मैंने इनके अलावा शेषमणि पत्थर, जड़े जाने के लिए पत्थर, सुरमा के पत्थर और तरह-तरह के रंगों के पत्थर और सभी प्रकार के कीमती पत्थर और सिलखड़ी के पत्थर भी बड़ी मात्रा में इकट्ठा कर लिए हैं. इन सबके अलावा मेरे परमेश्वर के भवन में मेरा मन लगा रहने के कारण अपने खुद के खजाने में से सोने और चांदी मैं मेरे परमेश्वर के भवन के लिए दे रहा हूं. उन सब वस्तुओं के अलावा, जो मैंने पहले ही पवित्र मंदिर के लिए इकट्ठा कर रखी हैं, यानी ओफीर के सोने में से एक लाख किलो सोना और ढाई लाख किलो ताई हुई चांदी, जिसे भवन की दीवारों पर मढ़ा जाना था, यह सब सोने से बनने वाली वस्तुओं और चांदी से बनने वाली वस्तुओं के लिए था, जिसका इस्तेमाल तरह-तरह के कारीगर करने को थे. आप लोगों में से कौन-कौन आज याहवेह के लिए अपने आपको समर्पित करने के लिए तैयार है?”
यह सुनकर इसके उत्तर में सभी गोत्रों के प्रधानों ने, इस्राएल के कुलों के शासकों ने, हज़ारों और सैकड़ों के अधिकारियों ने और राजा का काम करनेवाले अगुओं ने अपनी इच्छा से दान दिया. परमेश्वर के भवन से संबंधित कामों के लिए इन सबने पांच हजार तालन्त29:7 हजार तालन्त करीब 170 टन सोना और दस हज़ार सोने के सिक्के29:7 सोने के सिक्के मूल में दारिक कुल लगभग 84 किलोग्राम, साढ़े तीन लाख किलो चांदी, छः लाख किलो कांसा और पैंतीस लाख किलो लोहा दान में दे दिया. जिस किसी के पास कीमती पत्थर थे, उन्होंने उन्हें याहवेह के भवन के भंडार में दे दिया, जो गेरशोन येहिएल की निगरानी में रखे गए थे. अपनी इच्छा से यह सब दे देने पर जनता में खुशी की लहर दौड़ गई, क्योंकि उन्होंने यह भेंट याहवेह को खरे मन से भेंट चढ़ाई थी. राजा दावीद के सामने भी यह बड़े आनंद का विषय था.
जमा हुई सभा के साथ दावीद की प्रार्थना
यह सब होने के बाद दावीद ने पूरी सभा के सामने याहवेह की स्तुति की. दावीद ने कहा,
“याहवेह, इस्राएल के परमेश्वर,
आप आदि से अंत तक
स्तुति के योग्य हैं.
याहवेह, महिमा, सामर्थ,
प्रताप, विजय और वैभव,
यानी सभी कुछ, जो स्वर्ग और पृथ्वी में है, आपका ही है.
याहवेह, प्रभुता आपकी ही है;
आपने अपने आपको सबके ऊपर मुख्य और महान किया हुआ है.
धन और सम्मान आपसे ही मिलते हैं;
आपकी प्रभुता सब जगह है.
अधिकार और सामर्थ्य आपके हाथ में हैं.
अपने ही अधिकार में आप मनुष्यों को ऊंचा करते
और उन्हें बलवान बना देते हैं.
इसलिये, हमारे परमेश्वर, हम आपके आभारी हैं,
और हम आपकी महिमा के वैभव को सराहते हैं.
“कौन हूं मैं और क्या है मेरी प्रजा कि हम ऐसे अपनी इच्छा से भेंट चढ़ा सकें? क्योंकि सभी कुछ आपसे ही मिलता है. हमने जो कुछ दिया है, वह हमको आपने आपके ही हाथों से दिया हुआ है. हम तो आपके सामने अपने पुरखों के समान सिर्फ यात्री और परदेशी ही हैं. पृथ्वी पर हमारे दिन छाया के समान होते हैं, निराशा से भरे. याहवेह, हमारे परमेश्वर, आपके आदर में भवन बनाने के लिए हमने जो कुछ अपनी इच्छा से दिया है, आपका ही दिया हुआ है, इसलिये यह आपका ही है. मेरे परमेश्वर, इसलिये कि मुझे यह मालूम है कि आप हृदय को परखते और सीधाई में आपकी खुशी है, मैंने अपने हृदय की सच्चाई में, अपनी इच्छा से यह सब दे दिया है. यहां मैंने यह भी बड़े आनंद से आपकी प्रजा में देखा है, जो यहां आए हैं, वे आपको अपनी इच्छा से दे रहे हैं. याहवेह, हमारे पुरखे अब्राहाम, यित्सहाक और इस्राएल के परमेश्वर, अपनी प्रजा के हृदय की इच्छा में यह हमेशा बनाए रखिए और उनके हृदय अपनी ही ओर लगाए रखिए. मेरे पुत्र शलोमोन को एक ऐसा खरा मन दें, कि वह आपके आदेशों, नियमों और विधियों का पालन करता रहे और वह इस मंदिर को बनाने का काम पूरा करे, जिसके लिए मैंने यह इंतजाम किया है.”
इसके बाद दावीद पूरी सभा की ओर फिरे और उन्हें इन शब्दों में कहा, “याहवेह, अपने परमेश्वर की स्तुति करो.” पूरी सभा ने याहवेह की, अपने पुरखों के परमेश्वर की स्तुति की. उन्होंने झुककर याहवेह और राजा को दंडवत किया.
राजा के रूप में शलोमोन का स्वीकार व अभिषेक
दूसरे दिन उन्होंने याहवेह के लिए बलि चढ़ाई और याहवेह के लिए होमबलि भेंट की एक हज़ार बछड़े, एक हज़ार मेंढ़े और एक हज़ार मेमने और इनके अलावा उन्होंने पूरे इस्राएल के लिए भरपूरी से पेय बलि और बलियां चढ़ाईं. उस दिन उन्होंने बड़ी ही खुशी में याहवेह के सामने खाया और पिया.
उन्होंने एक बार फिर दावीद के पुत्र शलोमोन का राजाभिषेक किया. उन्होंने याहवेह के सामने शलोमोन को शासन और सादोक को पुरोहित के काम के लिए अभिषेक किया. याहवेह द्वारा ठहराए गए सिंहासन पर राजा होकर शलोमोन अपने पिता दावीद की जगह पर बैठे. वह समृद्ध होते चले गए और सारा इस्राएल उनके आदेशों को मानता था. सभी अगुओं ने, वीर योद्धाओं ने और राजा दावीद के पुत्रों ने राजा शलोमोन से उनकी अधीनता की शपथ खाई.
याहवेह ने शलोमोन को सारे इस्राएल की दृष्टि में बहुत ही प्रतिष्ठित बना दिया और उन्हें इस तरह का राजकीय ऐश्वर्य दिया जैसा इसके पहले इस्राएल में और किसी राजा को न मिली थी.
दावीद की मृत्यु
यिशै के पुत्र दावीद ने सारे इस्राएल पर शासन किया. इस्राएल पर उनका शासनकाल चालीस वर्ष का था—सात साल हेब्रोन में और तैंतीस साल येरूशलेम में. बहुत बूढ़ा होने की अवस्था तक पहुंचकर, जीवन के लिए ठहराए गए दिन पूरे कर समृद्धि और वैभव की स्थिति में दावीद की मृत्यु हुई. उनकी जगह पर उनका पुत्र शलोमोन राजा हुआ.
शुरू से लेकर अंत तक राजा दावीद द्वारा किए गए कामों का वर्णन दर्शी शमुएल, भविष्यद्वक्ता नाथान और दर्शी गाद द्वारा लिखी गई इतिहास की पुस्तक में किया गया है. इन पुस्तकों में उनके शासन, उनकी शक्ति, उन पर और इस्राएल पर पड़ी परिस्थितियों और दुनिया के दूसरे देशों पर आई परिस्थितियों का वर्णन है.